उत्तर प्रदेश की गौतमबुद्ध नगर सीट से भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है। यहां से
पार्टी के दिग्गज नेता डॉक्टर महेश शर्मा ने जीत की हैट्रिक लगाई है। उनके
सामने समाजवादी पार्टी ने डॉ महेंद्र सिंह नागर को चुनाव मैदान में उतारा,
जबकि बसपा ने राजेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया था। माना जा रहा था कि इस
सीट पर दिलचस्प त्रिकोणीय मुकाबला होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भाजपा
प्रत्याशी की एकतरफा जीत हुई।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक गौतमबुद्ध
नगर सीट पर 15 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे थे। डॉक्टर महेश शर्मा के खाते
में 8 लाख 57 हजार 829 वोट गए और सपा के उम्मीदवार महेंद्र सिंह नागर को 2
लाख 98 हजार 357 वोट मिले, जबकि बसपा उम्मीदवार राजेंद्र सिंह सोलंकी की झोली
में 2 लाख 51 हजार 615 वोट आए।
भाजपा के महेश शर्मा ने सपा को 5 लाख 59 हजार
472 वोटों के एक बड़े अंतर से हराकर जीत की हैट्रिक लगाई। 30 सितंबर 1959 को
अलवर के मनेठी गांव में पैदा हुए डॉ. महेश शर्मा के पिता कैलाश चंद शिक्षक
थे। उनकी माताजी घर संभालती थीं। महेश शर्मा ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर
मेडिकल की पढ़ाई की और आज देश के टॉप डॉक्टरों में शामिल हैं।
डॉ. महेश शर्मा
ने 1983 में नोएडा के सेक्टर 19 में एक छोटी सी दुकान में मेडिकल की प्रैक्टिस
शुरू की। फिर उन्होंने अपने पिता के नाम कैलाश के नाम से अपना अस्पताल खोला।
डॉ. महेश शर्मा की पत्नी ऊमा शर्मा भी डॉक्टर हैं और कैलाश अस्पताल में
प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ विभाग की प्रमुख हैं। जब महेश शर्मा मेडिकल
की पढ़ाई के लिए दिल्ली आए थे तो उन्हीं दिनों उनकी आरएसएस से नजदीकियां बढ़ीं
और बाद में वह भाजपा के सक्रिय सदस्य बन गए।
समाजसेवा से राजनेता बने डा.
महेश शर्मा के बारे में कहा जाता है कि कोई विरोधी दल का व्यक्ति भी उनकी
व्यक्तिगत तौर पर बुराई नहीं करता। मंचों से भले ही एक-दूसरे के खिलाफ खूब
आरोप प्रत्यारोप लगाए जाते हों, लेकिन सामने आने के बाद हर कोई उन्हें डॉक्टर
साहब कहने को विवश हो जाता है। डा. महेश शर्मा के बारे में यह भी बात प्रचलित
है कि वे हर किसी की मदद करने के लिए आगे रहते हैं। राजनीति के माध्यम से अब
वे अच्छी तरह लोगों की सेवा कर पाते हैं।