प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’
पर लिखा कि भारत का रोजगार बाजार बढ़ रहा है और दुनिया भर के प्रमुख लोग इस
बात की भविष्यवाणी कर रहे हैं कि भारत जल्द ही एक महाशक्ति बनेगा। पीएम मोदी
ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘’वित्त वर्ष 2014-23 में देश में 12.5 करोड़
नौकरियां पैदा होने, ईपीएफओ ग्राहकों की संख्या दोगुनी होने और 2030 तक भारत
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, भारत का भविष्य उज्ज्वल
दिखता है।’’ इसके साथ ही एक पोस्टर भी पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट की है,
जिसमें लिखा है, “द ग्ट इंडियन जॉब स रे ्टोरी”, इस पर प्रकाश डालते हुए,
पीएम मोदी ने जो पोस्ट किया है, उसके अनुसार 69 प्रतिशत भारतीयों का मानना है
कि देश की अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है। जबकि, ऐसा मानने वाले
दुनिया में लोगों का औसत 38 प्रतिशत है। यह घरेलू खपत के कारण हुआ है कि भारत
दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और ब्रिक्स और जी7 शिखर
सम्मेलन जैसे मंचों पर उसका प्रभाव बढ़ा है।
इसमें यह स्पष्ट तौर पर दर्शाया
गया है कि वित्त वर्ष 2014-23 तक 12.5 करोड़ नौकरियां देश में सृजित हुईं
यानी प्रति वर्ष औसतन 2 करोड़ नौकरियां भारत में पैदा हुई। वहीं, श्रमिकों की
आय में 56% वृद्धि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान हुई है। इसके साथ ही इसमें
दिखाया गया है कि भारत का एआई बाजार 2027 तक 77 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
इसके साथ ही भारत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर
है। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से एक आंकड़ा जारी किया गया था,
जिसमें बताया गया था कि भारत में वित्त वर्ष 2014 से लेकर वित्त वर्ष 2023 के
बीच 12.5 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं, जो कि वित्त वर 2004 से ्ष
वित्त वर 2014 के मुकाबले 4.3 गुना ज्यादा है।
इस रिपोर्ट में बताया गया
कि अगर कृषि से जुड़े रोजगार को अलग कर दिया जाए तो वित्त वर्ष 2014 से वित्त
वर्ष 2023 के बीच मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में 8.9 करोड़ रोजगार
पैदा हुए। वहीं, वित्त वर्ष 2004 से वित्त वर्ष 2014 के बीच 6.6 करोड़ नए
रोजगार के अवसर पैदा हुए। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एमएसएमई मंत्रालय के
पास पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) में रोजगार का
आंकड़ा 20 करोड़ को पार कर गया है। एमएसएमई मंत्रालय के उद्यम पोर्टल पर 4
जुलाई तक के आंकड़े के अनुसार, 4.68 करोड़ पंजीकृत एमएसएमई में 20.20 करोड़
लोगों को रोजगार मिल रहा है। इसमें से 2.3 करोड़ नौकरियां जीएसटी (गुड्स एंड
सर्विसेज टैक्स) से छूट वाले अनौपचारिक सूक्ष्म इकाइयों में मिल रही है।
एमएसएमई में पिछले साल जुलाई के मुकाबले नौकरियों में 66 प्रतिशत का इजाफा
हुआ है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर पर
फोकस किए जाने के कारण कंस्ट्रक्शन सेक्टर में रोजगार के अवसर में काफी इजाफा
हुआ है।