विशेष साक्षात्कार

सुप्रीम कोर्ट का UAPA संशोधनों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं को सुनने से इनकार कर दिया, जो गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के संशोधन के खिलाफ दायर की गई थीं।

नई दिल्ली (एजेंसी)सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं को सुनने से इनकार कर दिया, जो गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के संशोधन के खिलाफ दायर की गई थीं। इन संशोधनों के तहत राज्य को व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने और उसकी संपत्ति की जब्द करने का अधिकार दिया गया है।  चीफ जस्टिस (सीजेआई) संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट को भेजने का निर्णय लिया। चीफ जस्टिस (सीजेआई) संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट को भेजने का निर्णय लिया। कोर्ट ने कहा, हम पहले इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते। ऐसे मामलों में कई जटिल समस्याएं होती हैं और कभी-कभी याचिकाकर्ता या सरकार की तरफ स कुछ मुद्दे छूट जाते हैं, फिर हमें इसे बड़ी बेंच के पास भेजना पड़ता है। इसलिए, इसे पहले हाईकोर्ट द्वारा हल किया जाए।  सुप्रीम कोर्ट ने 6 दिसंबर 2019 को यूएपीए संशोधन की सांविधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। बेंच ने कहा कि अन्य हाईकोर्ट भी यूएपीए संशोधनों के खिलाफ दायर याचिकाओं की जांच कर सकते हैं। याचिकाएं सजल अवस्थी, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) और अमिताभ पांडे की ओर से दायर की गई थीं।