दिल्ली में चुनाव 2025 की सरगर्मियां तेज हो गई हैं, और इसी बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के दो प्रमुख विधायकों अमानतुल्ला खान और दिनेश मोहनिया पर FIR दर्ज होने की खबर ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार, इन दोनों विधायकों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, जिससे दिल्ली चुनाव 2025 के समीकरण बदल सकते हैं।
क्यों दर्ज हुई FIR?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमानतुल्ला खान पर अवैध निर्माण और सरकारी आदेशों की अवहेलना के आरोप लगे हैं, जबकि दिनेश मोहनिया पर सरकारी कार्य में बाधा डालने और हिंसक व्यवहार का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, इन मामलों की जांच जारी है, और दोनों नेताओं को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
राजनीतिक माहौल पर असर
दिल्ली में चुनाव 2025 से पहले आम आदमी पार्टी पहले से ही विपक्षी दलों के निशाने पर है। ऐसे में अमानतुल्ला खान और दिनेश मोहनिया के खिलाफ FIR दर्ज होने से भाजपा और कांग्रेस को बड़ा मुद्दा मिल गया है। विपक्ष का कहना है कि आम आदमी पार्टी के नेता कानून का पालन नहीं कर रहे हैं, वहीं AAP ने इन मामलों को राजनीतिक साजिश बताया है।
BJP और कांग्रेस का हमला
भाजपा के प्रवक्ता ने कहा, "AAP के विधायक बार-बार कानून तोड़ते हैं और केजरीवाल सरकार इसे बचाने में लगी रहती है। दिल्ली की जनता सब देख रही है और इस बार इन्हें करारा जवाब देगी।"
वहीं, कांग्रेस ने इसे "आप सरकार की नाकामी" करार दिया और कहा कि दिल्ली को एक साफ-सुथरी सरकार की जरूरत है, न कि आरोपों से घिरी पार्टी की।
AAP की सफाई
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इन मामलों को "झूठा और राजनीति से प्रेरित" बताते हुए कहा कि चुनाव से पहले AAP नेताओं को फंसाने की साजिश हो रही है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, "हम न्यायालय में इन मामलों को चुनौती देंगे और सच्चाई सामने लाएंगे।"
दिल्ली चुनाव 2025 पर क्या असर पड़ेगा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन एफआईआर का असर AAP के चुनावी अभियान पर पड़ सकता है। हालांकि, पार्टी का एक मजबूत वोट बैंक है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश करेगा। अगर ये आरोप सही साबित होते हैं, तो इससे AAP की छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
दिल्ली में चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है। AAP विधायक अमानतुल्ला खान और दिनेश मोहनिया पर FIR दर्ज होने से सियासी माहौल और गरम हो गया है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है और क्या इसका असर AAP की चुनावी संभावनाओं पर पड़ेगा।