मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की ओर से परतापुर में नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप
करीब 300 हेक्टेयर में विकसित की जानी है। इसके लिए 70.29 हेक्टेयर पर 347
किसान सहमति जता चुके हैं। चुनाव के चलते कैंप ऑफिस पर बंद काम फिर से शुरू
कर दिया गया है। अब किसानों की जमीनों की जांच के बाद मेडा के नाम पर बैनामे
की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रदेश की पहली नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए
जमीन लेने की प्रक्रिया लगातार चल रही है। छज्जुपुर, इकला, कायस्थ गांवड़ी व
मोहिउद्दीनपुर के चार गांव की 294.6813 हेक्टेयर में नई शामित टाउनशिप का
निर्माण होना है।
नई टाउनशिप के तहत पहले फेज में छज्जूपुर में 30.09
हेक्टेयर और मोहिउद्दीनपुर में 111.79 हेक्टेयर जमीन को लेकर काम होगा। इन
दोनों गांव की कुल 112 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण पर 1007.34 करोड़ रुपये का
खर्च होगा और 750 किसान प्रभावित होंगे। मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडय ने
बताया े कि काफी संख्या में किसानों ने सहमति पत्र भरे हैं। अब फिर से नई
टाउनशिप के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। किसानों की जमीन की जांच की
जाएगी।
इसमें वारिसान, मुकदमे आदि को परखने के बादजमीन सही पाए जाने पर मेडा
के पक्ष में रजिस्ट्री शुरू कर दी जाएगी। हालांकि, लोकसभा चुनाव से पहले मेरठ
विकास प्राधिकरण पहुंचे कुछ किसानों को नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप में कुछ
पारदर्शिता नहीं नजर आई। जिसके बाद वह एमडीए पहुंचे और वीसी अभिषेक पांड़े से
मुलाकात की। लेकिन इस दौरान किसानों को एमडीएम वीसी अभिषेक पांड़े की बात साफ
तौर पर समझ आ गई। जिसके चलते अब किसान इस इंटीग्रेटेड टाउनशिप को लेकर सहमत
है और माना जा रहा है कि अब जल्द ही बैनामे की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।