सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के
भ्रामक दावा करने वाले प्रोडक्ट के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने
कंपनी और मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस भी जारी
किया है। सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से 2022 में दायर की
गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड
वैक्सीनेशन और मॉडर्न मेडिसिन के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। केस की अगली
सुनवाई 19 मार्च को होगी। जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की
बेंच ने कहा- पतंजलि भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही है कि उसकी दवाएं
कुछ बीमारियों को ठीक कर देंगी, जबकि इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है।
पतंजलि
ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) एक्ट में बताई गई बीमारियों
के इलाज का दावा करने वाले अपने प्रोडक्ट्स का विज्ञापन नहीं कर सकती। कोर्ट
ने सरकार से पूछा कि पतंजलि के विज्ञापनों के खिलाफ ड्रग्स एंड मैजिक
रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 के तहत क्या कार्रवाई की गई है।
केंद्र की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ने कहा कि इस बारे में डेटा
इकट्ठा किया जा रहा है।
कोर्ट ने इस जवाब पर नाराजगी जताई और कंपनी के
विज्ञापनों पर नजर रखने का निर्देश दिया। आईएमए ने दिसंबर 2023 और जनवरी
2024 में प्रिंट मीडिया में जारी किए गए विज्ञापनों को कोर्ट के सामने पेश
किया। इसके अलावा 22 नवंबर 2023 को पतंजलि के सीईओ बालकृष्ण के साथ योग
गुरु रामदेव की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में भी बताया। ये प्रेस
कॉन्फ्रेंस सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के ठीक एक दिन बाद की गई थी। 21 नवंबर
2023 को हुई सुनवाई में जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा था- पतंजलि को सभी भ्रामक
दावों वाले विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगा। कोर्ट ऐसे किसी भी उल्लंघन
को बहुत गंभीरता से लेगा और हर एक प्रोडक्ट के झूठे दावे पर 1 करोड़ रुपए
तक जुर्माना लगा सकता है।
पतंजलि को कंटेंप्ट नोटिस, भ्रामक दावा करने
वालेविज्ञापनों पररोक नई दिल्ली (एजेंसी)। 2024 लोकसभा चुनाव की घोषणा से
पहले गृह मंत्रालय नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की अधिसूचना अगले महीने
जारी कर सकता है। इसके बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर-
मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। न्यूज एजेंसी
ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सीएए के ऑनलाइन पोर्टल रजिस्ट्रेशन के
लिए तैयार किया जा चुका है और केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा ड्राई रन पहले
ही किया जा चुका है। सूत्रों ने कहा कि सीएए इन पड़ोसी देशों के उन
शरणार्थियों की मदद करेगा जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। मंत्रालय कोलंबी अवधि
के वीजा के लिए सबसे ज्यादा आवेदन पाकिस्तान से मिले हैं।
इससे पहले गृह
मंत्री अमित शाह दो महीने में दो बार कह चुके हैं कि सीएए लोकसभा चुनाव से
पहले लागू किया जाएगा। यह देश का कानून है। इसे कोई रोक नहीं सकता। संसद ने
सीएएपर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। हालांकि, सरकार इस कानून को लागू
करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा 8 बार बढ़ा चुकी है। 2019 में
लोकसभा-राज्यसभा से बिल पास हो चुका 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में नागरिकता
संशोधन विधेयक 2019 (CAB) के पक्ष में 125 और