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Digital Arrest: साइबर अपराधियों के जाल में फंसी महिला प्रोफेसर...गंवा दिए 3.07 करोड़ रुपये

कदमकुआं में रहने वाली पीड़िता वह सब करती रहीं, जो अपराधी निर्देशित करते रहे।

साइबर अपराधियों के जाल में फंस 3.07 करोड़ रुपये गंवा देने वाली सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर को किस तरह डिजिटल अरेस्ट कर मानसिक यातनाएं दी गईं, उनके चेहरे का खौफ अभी भी बता रहा है। 
 
कदमकुआं में रहने वाली पीड़िता वह सब करती रहीं, जो अपराधी निर्देशित करते रहे। वीडियो कॉल पर ही सोना, खाना और बैंक जाकर फिक्स डिपॉजिट तोड़कर साइबर ठगों के बताए खाते में आरटीजीएस से पैसे भेजती रहीं।
 
प्राथमिकी के लिए आवेदन लिखने में उनके हाथ कांप रहे थे। 48 घंटे का वह खौफनाक मंजर याद कर बुजुर्ग महिला पुलिस अधिकारियों के सामने सिहर जा रही थीं। 
 
डिजिटल अरेस्ट के उन घंटों में उन्होंने वीडियो कॉल पर ही सोना, खाना, पीना आदि सब किया। अपराधियों के निर्देश पर बार-बार बैंक जाकर चेक से आरटीजीएस के माध्यम से अलग-अलग खातों में रकम भेजती रहीं।
 
जब कथित तौर पर एनओसी दी गई, तब महिला ने राहत की सांस ली। उनकी आंखों के आगे तब अंधेरा छा गया, जब मालूम हुआ कि दो दिनों तक चला अनुसंधान का नाटक साइबर अपराधियों के ठगने का तरीका था, जिसे डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है और उनकी गाढ़ी जमा-पूंजी लुट चुकी है।