मेडिकल के आउटसोर्सिंग सफाईकर्मियों की कोई सुनवाई नहीं होने पर अस्पताल
परिसर में गंदगी का ढेर लगता जा रहा है। जो इस भीषण गर्मी में संक्रमण फैलने
का भी खतरा पैदा कर रहा है। वहीं, इस मामले में मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ
आरसी गुप्ता का कहना है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान कराया जाएगा। दरअसल,
एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में रोजाना तीन से चार हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते
है। इनमें बच्चों से लेकर महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल है।
जबकि मेडिकल
प्रशासन इन मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के दावें करता है, लेकिन पिछले
पांच दिनों से मेडिकल में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। वजह है मेडिकल प्रशासन
को आउटसोर्सिंग के जरिए सफाईकर्मी उपलब्ध कराने वाली निजी कंपनी विश्वा
इंटरप्राइजेज द्वारा पिछले चार माह से कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया जाना।
इस बात से गुस्साएं सफाईकर्मी पिछले पांच दिन से हड़ताल पर है। कर्मचारियों का
कहना है कंपनी उन्हें केवल आश्वासन दे रही है, जबकि अब इन कर्मचारियों के
परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।
वहीं, दूसरी ओर मेडिकल प्रशासन ने
कुछ निजी सफाईकर्मियों को बाहर से बुलाकर कैंपस और वार्डों में सफाई कराई थी,
लेकिन वह नाकाफी साबित हुई। इससे न सिर्फ यहां इलाज करा रहे मरीजों को
परेशानी हो रही है बल्कि वार्डों में संक्रमण फैलने का भी खतरा पैदा हो गया
है। बताया जा रहा है कि मेडिकल प्रशासन के पास कुल 58 परमानेंट सफाईकर्मी है
जो ना काफी है। जबकि मेडिकल परिसर में कुल 22 वार्डों के लिए करीब 400
सफाईकर्मियों की जरूरत है। इसी वजह से आऊटसोर्सिंग पर कर्मचारी रखे जाते हैं।
मेडिकल प्रशासन ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर सफाईकर्मियों की मांग की है।