बेगूसराय (बिहार) । देशभर में भीषण गर्मी का कहर जारी है, और कई
स्थानों पर तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया जा रहा है।
दिल्ली में तापमान 49.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो पिछले 100
वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ चुका है। राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश,
उत्तर प्रदेश और बिहार भी इस गर्मी की चपेट में हैं। बिहार में अब भी
स्कूल खुले हैं और छात्राओं को कक्षाओं में जाना पड़ रहा है, जिसका
परिणाम गंभीर हो रहा है।
बिहार के बेगूसराय जिले के मटिहानी प्रखंड के मटिहानी मध्य विद्यालय
में भीषण गर्मी के कारण लगभग 18 छात्राएं बेहोश हो गईं। इन छात्राओं
को तुरंत मटिहानी रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज
चल रहा है। बेगूसराय में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक है, और इस
भीषण गर्मी के बावजूद सभी विद्यालय खुले हुए हैं।
घटना के विवरण के अनुसार, सुबह 10 बजे के करीब विद्यालय में छात्राएं
एक-एक करके बेहोश होने लगीं। प्रधानाध्यापक चंद्रकांत सिंह ने पहले
विद्यालय में ही ओआरएस का घोल देने का प्रयास किया, लेकिन जब स्थिति
नहीं सुधरी, तो सभी छात्राओं को अस्पताल भेजा गया। फिलहाल 14 छात्राओं
का इलाज अस्पताल में जारी है।
प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय में पंखे और जनरेटर की व्यवस्था
के बावजूद गर्मी के कारण छात्राएं बेहोश हो गईं। इस घटना के बाद,
बच्चों के परिजन अस्पताल और स्कूल में पहुंचने लगे। सुरक्षा के
मद्देनजर, 10 बजे के बाद विद्यालय में मध्यान भोजन खिलाकर बच्चों को
छुट्टी दे दी गई।
हालांकि, यह निर्णय सरकारी गाइडलाइन्स के विपरीत था, क्योंकि सरकार के
निर्देश के अनुसार विद्यालय खुले रहने चाहिए थे। अस्पताल के चिकित्सक
राहुल कुमार ने बताया कि गर्मी के कारण ही बच्चियां बेहोश हुई हैं।
फिलहाल ग्लूकोज और ओआरएस का घोल देकर उनका इलाज किया जा रहा है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि भीषण गर्मी के मौसम में स्कूलों को
बंद रखना चाहिए ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। ऐसी
स्थितियों में सरकारी गाइडलाइन्स को पुनः समीक्षा की आवश्यकता है ताकि
बच्चों की सेहत को कोई नुकसान न पहुंचे।