स्वास्थ्य

कैंसर, बीपी और मधुमेह की घर-घर जांच: सरकार ने शुरू किया 'निरोगी काया' देशव्यापी अभियान

भारत सरकार ने 20 फरवरी 2025 से 'निरोगी काया' नामक एक व्यापक स्वास्थ्य जांच अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य कैंसर, उच्च रक्तचाप (बीपी) और मधुमेह जैसी बीमारियों की घर-घर जाकर जांच करना है। यह अभियान 31 मार्च 2025 तक चलेगा, जिसमें 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।

देश में गैर-संचारी रोगों (NCDs) की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने 20 फरवरी 2025 से 'निरोगी काया' नामक एक महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य जांच अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कैंसर, उच्च रक्तचाप (बीपी) और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों की प्रारंभिक पहचान और रोकथाम करना है। अभियान 31 मार्च 2025 तक चलेगा, जिसमें 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।

अभियान की प्रमुख विशेषताएँ

  • घर-घर जाकर जांच: स्वास्थ्य कर्मियों की टीमें प्रत्येक घर पर जाकर व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच करेंगी, जिससे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सुनिश्चित हो सके।

  • निःशुल्क परीक्षण: अभियान के तहत सभी जांच और परीक्षण निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग भी इसका लाभ उठा सकें।

  • प्राथमिकता बीमारियाँ: मुख्य रूप से कैंसर, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो वर्तमान में देश में तेजी से फैल रही हैं।

अभियान का महत्व

गैर-संचारी रोगों, विशेषकर उच्च रक्तचाप और मधुमेह, के मामलों में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, उच्च रक्तचाप एक ऐसी बीमारी है जो शरीर की नसों को प्रभावित करती है और इसके कारण हृदय को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

इस अभियान के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य इन बीमारियों की प्रारंभिक पहचान करके समय पर उपचार प्रदान करना है, जिससे गंभीर जटिलताओं से बचा जा सके।

 

राज्य स्तरीय प्रयास

कई राज्यों ने इस राष्ट्रीय अभियान के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष पहल शुरू की हैं। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में 'निरोगी काया' अभियान के तहत 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का शुगर, बीपी समेत पांच बीमारियों का निःशुल्क परीक्षण किया जा रहा है।

इसी तरह, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में टीबी और कुष्ठ मुक्त बनाने के लिए सर्वेक्षण और जांच अभियान प्रारंभ किया गया है, जिसमें मितानिन (स्वास्थ्य कार्यकर्ता) घर-घर जाकर संभावित मरीजों की पहचान कर रहे हैं।

 

नागरिकों के लिए संदेश

सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और अपने स्वास्थ्य की जांच करवाएं। प्रारंभिक चरण में बीमारियों की पहचान होने से उपचार अधिक प्रभावी होता है और गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, नियमित व्यायाम करने और संतुलित आहार लेने की भी सलाह दी गई है, जिससे इन बीमारियों की रोकथाम में मदद मिल सके।