समाजवादी पार्टी से मेरठ शहर सीट पर वर्तमान विधायक रफीक अंसारी की जमानत
याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई है। एमपी एमएलए कोर्ट में एडीजे 9 बृजेश मणि
त्रिपाठी की अदालत ने रफीक अंसारी की दोनों जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया
है। रफीक अंसारी की आज 14 दिन की न्यायिक हिरासत पूरी हो गई है।
उन्हें 27 मई
को जेल में भेजा गया था। जमानत याचिका खारिज होने के बाद रफीक अंसारी अभी जेल
में ही रहेंगे। अब उनके वकील हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन करेंगे, लेकिन
कोर्ट में अभी ग्रीष्म अवकाश चल रहा है इसके कारण सुनवाई होना मुश्किल है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट से गैर जमानती वारंट के मामले में मेरठ से सपा विधायक रफीक
अंसारी को लखनऊ में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
वह 101 गैर-जमानती वारंट
जारी होने के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। वहीं आज उनकी जमानत अर्जी पर
कोर्ट में सुनवाई होनी थी। सेशन कोर्ट में उनका जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल
किया गया था। 1992 में हापुड़ रोड पर मीट की दुकानों को लेकर अंसारी और
कुरैशी बिरादरी के लोग आमने-सामने आ गए थे। भीड़ ने तोड़फोड़ करते हुए आगजनी
कर दी थी।
इस मामले में लिसाड़ी गेट और नौचंदी थाने में आईपीसी की धारा 147,
427 और 436 के अंतर्गत दो मुकदमे दर्ज किए गए थे। विवेचना में पुलिस ने
मौजूदा पार्षद रफीक अंसारी और हाजी बुंदू को भी आरोपी बनाया था। पुलिस ने सन
1995 में 22 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। रफीक अंसारी
कोर्ट में पेश नहीं हुए थे, जिसके चलते सन् 1997 में उनके गैरजमानती वारंट
जारी हुए।
इसके बाद उनके 101 गैरजमानती वारंट जारी हुए। सीआरपीसी की धारा 82
के अंतर्गत कुर्की प्रक्रिया के बावजूद भी रफीक अंसारी कोर्ट में पेश नहीं
हुए। हाईकोर्ट ने इस मामले में डीजीपी को रफीक अंसारी को गिरफ्तार करने के
आदेश दिए थे। नौचंदी पुलिस ने 27 मई को रफीक अंसारी को बाराबंकी से गिरफ्तार
कर कोर्ट में पेश किया था।