सीआरपीएफ की असिस्टेंट कमांडेंट पूनम गुप्ता 12 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति भवन में अपने साथी अधिकारी अवनीश कुमार से विवाह करेंगी, जो इस प्रतिष्ठित स्थल पर होने वाली पहली शादी होगी।
राष्ट्रपति भवन, जो अब तक केवल सरकारी कार्यक्रमों और विदेशी मेहमानों की मेजबानी के लिए जाना जाता था, 12 फरवरी 2025 को एक ऐतिहासिक घटना का साक्षी बनने जा रहा है। सीआरपीएफ की असिस्टेंट कमांडेंट पूनम गुप्ता अपने साथी अधिकारी अवनीश कुमार के साथ यहां विवाह बंधन में बंधेंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूनम की उत्कृष्ट सेवा और कर्तव्यनिष्ठा के सम्मान में इस विवाह समारोह की अनुमति दी है।
कौन हैं पूनम गुप्ता?
मध्य प्रदेश के ग्वालियर की निवासी पूनम गुप्ता ने जीवाजी विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक, अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक और बी.एड. की डिग्री हासिल की है। 2018 में, उन्होंने यूपीएससी सीएपीएफ परीक्षा में 81वीं रैंक प्राप्त कर सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में अपनी सेवा शुरू की। वर्तमान में, वह राष्ट्रपति भवन में पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) के पद पर तैनात हैं। 74वें गणतंत्र दिवस पर, उन्होंने सीआरपीएफ की महिला टुकड़ी का नेतृत्व किया था, जिससे वह राष्ट्रीय सुर्खियों में आईं।
अवनीश कुमार कौन हैं?
अवनीश कुमार भी सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। दोनों अधिकारियों के बीच लंबे समय से परिचय रहा है, जो अब विवाह के रूप में परिणत हो रहा है।
राष्ट्रपति भवन में पहली शादी:
राष्ट्रपति भवन के 300 एकड़ में फैले परिसर में यह पहला अवसर होगा जब किसी विवाह समारोह का आयोजन किया जाएगा। यह विवाह मदर टेरेसा क्राउन कॉम्प्लेक्स में संपन्न होगा, जिसमें केवल परिवार के करीबी सदस्य ही शामिल होंगे। राष्ट्रपति मुर्मू ने पूनम गुप्ता की अनुशासनप्रियता और कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए इस विशेष अनुमति को प्रदान किया है।
राष्ट्रपति भवन की विशेषताएं:
राष्ट्रपति भवन, जिसे सर एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था, दुनिया में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष का दूसरा सबसे बड़ा निवास स्थान है। इसमें 340 कमरे, प्रसिद्ध अमृत उद्यान, एक संग्रहालय, गणतंत्र मंडप, अशोक मंडप और एक तांबे का गुंबद शामिल हैं। 1948 में, सी. राजगोपालाचारी स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर-जनरल बने, जो राष्ट्रपति भवन में रहने वाले पहले भारतीय थे।
पूनम गुप्ता और अवनीश कुमार की यह शादी न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि राष्ट्रपति भवन के इतिहास में भी एक नया अध्याय जोड़ती है। राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा दी गई यह विशेष अनुमति पूनम की सेवा के प्रति समर्पण और अनुकरणीय कर्तव्यनिष्ठा का सम्मान है।