अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मुलाकात के बाद घोषणा की है कि अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा और उसे पुनर्निर्मित करके "मध्य पूर्व का रिवेरा" बनाएगा। इस योजना के तहत गाजा के फिलिस्तीनी निवासियों को अन्य देशों में पुनर्वासित किया जाएगा।
वॉशिंगटन डी.सी. में 4 फरवरी 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक के बाद आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति ट्रंप ने एक चौंकाने वाली घोषणा की। उन्होंने कहा, "अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा, और हम इसके साथ काम करेंगे। हम इसे अपनाएंगे और साइट पर मौजूद सभी खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करेंगे, नष्ट इमारतों से छुटकारा पाएंगे, और एक ऐसा आर्थिक विकास करेंगे जो क्षेत्र के लोगों के लिए असीमित संख्या में नौकरियों और आवास की आपूर्ति करेगा।"
राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा को "तबाही का मंजर" बताते हुए सुझाव दिया कि फिलिस्तीनियों को किसी अन्य स्थान पर बसाया जाना चाहिए, जहां वे शांति से जीवन व्यतीत कर सकें। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि उन्हें एक अच्छा, ताजा, सुंदर स्थान मिलना चाहिए, और हम लोगों को इसे बनाने और इसे सुंदर बनाने के लिए धन देंगे, और इसे रहने योग्य और सुखद बनाएंगे।"
ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि यदि आवश्यक हुआ तो अमेरिका गाजा में अपनी सेना तैनात कर सकता है। उन्होंने कहा, "जहां तक गाजा का सवाल है, हम जो आवश्यक होगा, वह करेंगे। यदि आवश्यक हुआ, तो हम ऐसा करेंगे।"
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ट्रंप की इस योजना की सराहना की और कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप इसे बहुत ऊंचे स्तर पर ले जा रहे हैं। वह उस भूमि के टुकड़े के लिए एक अलग भविष्य देखते हैं, जो इतने आतंकवाद, हमारे खिलाफ इतने हमलों का केंद्र रहा है... उनके पास एक अलग विचार है।"
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
ट्रंप की इस घोषणा के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। सऊदी अरब ने इस योजना की निंदा करते हुए कहा कि फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के लिए उनका समर्थन "दृढ़, मजबूत और अडिग" है।
हमास ने भी ट्रंप के इस बयान की आलोचना की और इसे "नस्लवादी" करार दिया। हमास के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम ट्रंप के उन बयानों को खारिज करते हैं जिनमें उन्होंने कहा कि गाजा पट्टी के निवासियों के पास कोई विकल्प नहीं है, और हम इसे क्षेत्र में अराजकता और तनाव पैदा करने के लिए एक नुस्खा मानते हैं।"
राष्ट्रपति ट्रंप की यह योजना न केवल फिलिस्तीनी राज्य की अवधारणा के खिलाफ है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के भी विपरीत है, जो किसी भी आबादी के जबरन विस्थापन को प्रतिबंधित करते हैं। इसके अलावा, गाजा के पुनर्निर्माण के लिए अमेरिकी सेना की तैनाती और वहां के निवासियों को अन्य देशों में बसाने की योजना ने मध्य पूर्व में नई चुनौतियों और विवादों को जन्म दिया है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा पट्टी पर कब्जा करने और उसे पुनर्निर्मित करने की योजना ने वैश्विक स्तर पर बहस छेड़ दी है। इस प्रस्ताव के प्रभाव और इसके कार्यान्वयन की संभावनाओं पर अभी भी सवाल उठ रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संबंधित पक्ष इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।