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जातिवादी दल मुखौटा पहनकर चला रहे हैं छल-प्रपंच की सियासत", मायावती का बड़ा बयान, BSP में होगा संगठनात्मक बदलाव

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने हाल ही में जातिवादी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे मुखौटा लगाकर छल की सियासत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि BSP में जल्द ही संगठनात्मक बदलाव किए जाएंगे। मायावती का यह बयान आगामी चुनावों और पार्टी के भविष्य के दृष्टिकोण को लेकर अहम माना जा रहा है।

नई दिल्ली, 30 जनवरी 2025 बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज जातिवादी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये दल मुखौटा लगाकर छल की सियासत चला रहे हैं। मायावती का यह बयान उस समय आया जब उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और यह स्पष्ट किया कि BSP संगठन में बड़ा बदलाव किया जाएगा। उनका कहना था कि जातिवादी राजनीति देश के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने का काम कर रही है, और इससे समाज में विभाजन और असमानता को बढ़ावा मिल रहा है।

जातिवाद का जिक्र करते हुए मायावती ने क्या कहा?

मायावती ने कहा,

"जातिवादी दल अपनी सियासत के लिए समाज में नफरत और असमानता फैलाते हैं। यह सब झूठ और छल से भरी राजनीति है, और यही दल अब मुखौटा पहनकर जनता को धोखा दे रहे हैं।"

उन्होंने BSP के संघर्ष और सिद्धांतों को बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए काम करती आई है। मायावती ने दलित, पिछड़े और मुस्लिम समुदाय के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि BSP उनका समानता और न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेगी।

BSP में संगठनात्मक बदलाव की योजना

मायावती ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा,

"हमारी पार्टी में बड़े बदलाव होंगे, ताकि हम और भी मजबूत बन सकें और देशभर में अपनी पकड़ बना सकें। BSP में संगठनात्मक सुधार किए जाएंगे, जिससे कार्यकर्ता और समर्थक एकजुट होकर चुनावों में पार्टी का परचम लहरा सकें।"

यह बयान उस समय आया है जब BSP ने आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। मायावती ने कहा कि BSP ने पहले ही जातिवाद और समाज में भेदभाव के खिलाफ अपनी मुहिम को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है, और संगठन में सुधार वह और भी प्रभावी तरीके से कर सकेंगे।

BSP का जातिवाद पर कड़ा रुख

मायावती ने जातिवाद को लेकर अपनी पार्टी के कड़े रुख को एक बार फिर से स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि BSP का उद्देश्य किसी भी जाति, धर्म या समुदाय को न बढ़ावा देना है, बल्कि उनका लक्ष्य समाज के सभी वर्गों को समान अधिकार दिलाना है।

"हमारी पार्टी का कार्य सिर्फ और सिर्फ समाज के हर तबके के लिए न्याय और समानता की लड़ाई लड़ना है। जातिवादियों के झूठे वादों से जनता को बचाना है।"

राजनीतिक मायने में मायावती की बातें

मायावती का यह बयान जातिवाद की राजनीति करने वाले दलों के लिए एक चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। उनका मानना है कि देश में दलितों और पिछड़े वर्गों को सशक्त बनाना सबसे जरूरी है, और इसी विचारधारा के साथ BSP ने नेता और कार्यकर्ता तैयार किए हैं

मायावती के इस बयान के बाद राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि BSP ने अपनी रणनीतिक दिशा तय की है, और आगामी चुनावों में BSP की तगड़ी वापसी हो सकती है। उनके इस कदम से यह स्पष्ट है कि BSP आगामी चुनावों में जातिवाद के खिलाफ अपनी सख्त नीति को और तेज करेगा

BSP के भविष्य और चुनावी रणनीति

मायावती ने संगठनात्मक सुधार की बात करते हुए कहा कि BSP की चुनावी रणनीति में स्थानीय मुद्दों और जातिवाद विरोधी मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे जनता से जुड़े मुद्दों पर काम करें, ताकि BSP की वोटबैंक को और मजबूत किया जा सके

"BSP के कार्यकर्ता जन-जन तक जाएं, और जनता को बताएं कि BSP ही एकमात्र पार्टी है जो समाज में समानता लाने के लिए सच्ची प्रतिबद्ध है।"

मायावती का यह बयान राजनीतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है। उनका जातिवादी राजनीति पर कड़ा रुख और BSP में बदलाव की योजना आने वाले समय में पार्टी को नई दिशा देने का काम कर सकती है। यह BSP के समर्थकों और चुनावी रणनीति के लिए बड़ा कदम साबित हो सकता है, जिससे पार्टी आगामी चुनावों में और ज्यादा प्रभावी रूप से खुद को स्थापित कर पाएगी।