स्वास्थ्य

America Exit from WHO: भारत पर कोई असर नहीं, JP Nadda बोले – Health Sector हमारी प्राथमिकता!

अमेरिका के WHO से बाहर होने के फैसले को लेकर JP Nadda ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत की स्वास्थ्य नीति पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि स्वास्थ्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से बाहर निकलने के फैसले ने वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय में हलचल मचा दी है। इस बीच, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने स्पष्ट किया कि भारत की स्वास्थ्य नीति पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है और भारत अपनी मजबूत चिकित्सा व्यवस्था के दम पर आत्मनिर्भर बना रहेगा

अमेरिका ने क्यों छोड़ा WHO?

अमेरिका और WHO के बीच लंबे समय से मतभेद चल रहे थे। अमेरिका का आरोप है कि WHO पारदर्शी तरीके से काम नहीं करता और वैश्विक स्वास्थ्य संकटों को सही तरीके से नहीं संभालता। पूर्व में अमेरिका WHO की वित्तीय मदद करने वाला सबसे बड़ा देश था, लेकिन अब उसने खुद को इससे अलग करने का निर्णय लिया है।

JP Nadda ने क्या कहा?

जेपी नड्डा ने मीडिया से बातचीत में कहा:
"भारत की स्वास्थ्य नीति पर अमेरिका के फैसले का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हमारी सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में तेजी से काम कर रही है।"

भारत की स्वास्थ्य नीति पर कोई असर क्यों नहीं?

  स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता: भारत ने अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं, वैक्सीन निर्माण और दवा उद्योग में जबरदस्त प्रगति की है।

 WHO की सदस्यता बरकरार: भारत WHO का प्रमुख सदस्य बना रहेगा और अपने वैश्विक स्वास्थ्य योगदान को जारी रखेगा।
स्वदेशी वैक्सीन और दवा उत्पादन: भारत पहले ही कोविड-19 वैक्सीन निर्माण में दुनिया का लीडर बन चुका है और कई देशों को वैक्सीन सप्लाई कर रहा है।
आयुष्मान भारत योजना: सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत करोड़ों नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं।
मेडिकल रिसर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर: भारत AIIMS, ICMR और अन्य चिकित्सा संस्थानों के जरिए स्वास्थ्य अनुसंधान में अग्रणी है।

क्या WHO से अमेरिका के बाहर होने का कोई वैश्विक प्रभाव पड़ेगा?

विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका के WHO से बाहर होने से संगठन की फंडिंग पर असर पड़ सकता है। लेकिन भारत और अन्य देश मिलकर इस कमी को पूरा करने में सक्षम हैं।

स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत

1️⃣ भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक देश है।
2️⃣ भारत के फार्मा उद्योग की दवाएं 150+ देशों में निर्यात होती हैं।
3️⃣ भारत में मेडिकल टूरिज्म तेजी से बढ़ रहा है।
4️⃣ स्वास्थ्य क्षेत्र में डिजिटल हेल्थ मिशन से क्रांति आई है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार से सवाल किया कि अगर WHO कमजोर होता है, तो क्या भारत को कोई नुकसान होगा? इस पर सरकार ने स्पष्ट किया कि भारत अपनी स्वास्थ्य रणनीति पर पूरी तरह नियंत्रण रखता है और इसे किसी बाहरी संगठन पर निर्भर नहीं रहना पड़ता

भारत के लिए आगे की राह

 स्वास्थ्य सेवाओं का और विस्तार होगा।
'मेक इन इंडिया' के तहत फार्मा इंडस्ट्री को मजबूत किया जाएगा।
नए अस्पतालों और मेडिकल रिसर्च केंद्रों की स्थापना होगी।
WHO के साथ मिलकर भारत नई स्वास्थ्य योजनाओं पर काम करेगा।