स्वास्थ्य

GBS का खतरा बढ़ा! बंगाल में 4 दिनों में 3 मौतें, महाराष्ट्र में 1 की जान गई, 19 नए केस मिले

पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में GBS (Guillain-Barre Syndrome) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले चार दिनों में बंगाल में 3 और महाराष्ट्र में 1 व्यक्ति की मौत हो चुकी है, जबकि 19 नए मामले सामने आए हैं। डॉक्टर्स ने इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया है।

नई दिल्ली, 30 जनवरी 2025 भारत में GBS (Guillain-Barre Syndrome) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में इस गंभीर बीमारी के कारण चार दिनों में 4 मौतें हो चुकी हैं। बंगाल में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि महाराष्ट्र में 1 मरीज की जान चली गई। इसके अलावा 19 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।

क्या है GBS (Guillain-Barre Syndrome)?

GBS एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें इम्यून सिस्टम शरीर की नसों पर हमला करता है। इससे मरीज को मांसपेशियों में कमजोरी, झनझनाहट और लकवा (Paralysis) तक हो सकता है

 बीमारी तेजी से फैल सकती है, जिससे मरीज की हालत गंभीर हो सकती है।
फेफड़ों पर असर पड़ने से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, जिससे मरीज की जान को खतरा रहता है।
 यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, लेकिन बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है।

GBS के प्रमुख लक्षण क्या हैं?

 हाथ-पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन
मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द
चलने में कठिनाई
सांस लेने में दिक्कत
बोलने या निगलने में परेशानी

बंगाल और महाराष्ट्र में कैसे फैला GBS?

विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बीमारी अक्सर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद शरीर के इम्यून सिस्टम के असामान्य रिएक्शन के कारण होती है। डॉक्टरों का मानना है कि कुछ हालिया मामलों में मरीजों को पहले फ्लू या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण हुआ था, जिसके बाद उन्हें GBS के लक्षण दिखने लगे

स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी और सुरक्षा उपाय

 संक्रमण से बचाव के लिए हाथ धोना और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
 अगर GBS के शुरुआती लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
संतुलित आहार और इम्यूनिटी मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थ खाएं।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें, खासकर अगर उसे वायरल संक्रमण हुआ हो।

GBS का इलाज संभव है?

GBS का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन समय पर सही इलाज से मरीज की स्थिति सुधर सकती है। आमतौर पर मरीजों को इम्यूनोथेरेपी और प्लाज्मा थेरेपी दी जाती है, जिससे शरीर में इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया को नियंत्रित किया जा सके।

सरकार की तैयारी और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर

 सरकार ने बंगाल और महाराष्ट्र के अस्पतालों में स्पेशल वार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं।
विशेषज्ञों की एक टीम इस बीमारी के फैलने के कारणों की जांच कर रही है।
जनता को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही एक अभियान शुरू करेगा।

GBS एक गंभीर लेकिन कम चर्चित बीमारी है, जो इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी के कारण होती है। पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में इस बीमारी के बढ़ते मामले चिंता का विषय बने हुए हैं। डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण से बचाव और शुरुआती लक्षणों को पहचानने पर जोर दिया है। अगर आप या आपके आसपास किसी को GBS के लक्षण दिखें, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें