नई दिल्ली: भारत में ट्रांसपोर्ट सेक्टर की रीढ़ कहे जाने वाले ट्रक ड्राइवरों की सेहत गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। एक हालिया सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 55% ट्रक ड्राइवरों की आंखों की रोशनी कमजोर हो चुकी है, जबकि ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट?
55% ट्रक ड्राइवरों की दृष्टि कमजोर हो चुकी है।
40% से अधिक ड्राइवर हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) से जूझ रहे हैं।
35% ड्राइवरों में डायबिटीज पाई गई।
नींद की कमी और असंतुलित खान-पान से स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है।
लगातार 12-16 घंटे गाड़ी चलाने से मानसिक तनाव और थकान बढ़ रही है।
अस्वस्थ ट्रक ड्राइवर – सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा?
ट्रक ड्राइवरों की कमजोर दृष्टि और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भारत की सड़क सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर दृष्टि और हाई BP के कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
ड्राइवरों की बीमारियों के पीछे क्या कारण हैं?
लंबे समय तक ड्राइविंग: लगातार 10-16 घंटे तक गाड़ी चलाना आंखों और शरीर पर बुरा असर डालता है।
अस्वास्थ्यकर खान-पान: सड़क किनारे मिलने वाला तेलयुक्त और असंतुलित भोजन ट्रक चालकों की सेहत पर भारी पड़ रहा है।
नींद की कमी: ट्रक ड्राइवरों को अक्सर पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता, जिससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
तनाव और मानसिक दबाव: समय पर डिलीवरी देने के दबाव में ड्राइवरों को भारी मानसिक तनाव झेलना पड़ता है।
शराब और तंबाकू का सेवन: कई ड्राइवर शराब, गुटखा और तंबाकू का सेवन करते हैं, जिससे उनकी सेहत और खराब हो जाती है।
सरकार और विशेषज्ञों की राय
सड़क परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा,
"ट्रक ड्राइवरों की सेहत हमारे लिए चिंता का विषय है। सरकार जल्द ही एक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाने जा रही है, जिससे उन्हें मुफ्त स्वास्थ्य जांच की सुविधा मिल सके।"
डॉक्टरों के अनुसार,
"लंबे समय तक ट्रक चलाने वालों को साल में कम से कम दो बार आंखों और ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए। साथ ही, खान-पान में बदलाव और नियमित व्यायाम से वे स्वस्थ रह सकते हैं।"
ड्राइवरों की सुरक्षा और सेहत के लिए क्या किया जा सकता है?
1️⃣ नियमित हेल्थ चेकअप अनिवार्य किया जाए।
2️⃣ ट्रक स्टॉप्स पर हेल्दी फूड और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।
3️⃣ ड्राइवरों को पर्याप्त आराम और नींद मिले, इसके लिए नियम बनाए जाएं।
4️⃣ नशे की लत से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
5️⃣ सरकार और प्राइवेट कंपनियां मिलकर ट्रक ड्राइवरों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस योजनाएं शुरू करें।
ड्राइवरों की कहानी – उनकी जुबानी!
मुंबई-कोलकाता हाईवे पर ट्रक चलाने वाले रमेश यादव (45) बताते हैं,
"हम रोज़ाना 15-16 घंटे ट्रक चलाते हैं। कभी-कभी आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है, लेकिन रुकने की इजाजत नहीं होती। हम क्या करें?"
दिल्ली से चेन्नई जाने वाले अजय सिंह (50) कहते हैं,
"डायबिटीज के कारण अब ज्यादा मीठा नहीं खा सकता, लेकिन सड़क पर हेल्दी खाना मिलना मुश्किल है। मजबूरी में जो मिलता है, वही खाना पड़ता है।"
कैसे सुधरेगी ट्रक ड्राइवरों की सेहत?
व्यायाम और योग को बढ़ावा देना होगा।
ट्रक स्टॉप्स पर हेल्थ सेंटर और जांच कैंप लगाने होंगे।
ड्राइविंग के दौरान पर्याप्त ब्रेक लेने की व्यवस्था करनी होगी।
सरकार को स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में ट्रक चालकों को प्राथमिकता देनी होगी।