महाकुंभ 2025: स्वच्छता का अद्भुत उदाहरण बना त्रिवेणी संगम महाकुंभ 2025 में प्रयागराज का त्रिवेणी संगम इस बार अपनी स्वच्छता और निर्मलता के लिए चर्चाओं में है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम पर लाखों श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। इस बार सरकार और स्थानीय प्रशासन ने स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए संगम के आसपास का क्षेत्र बेहद स्वच्छ और सुंदर बना दिया है।
'वॉटर वूमन' शिप्रा पाठक का त्रिवेणी संगम पर आगमन
स्वच्छता और जल संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली प्रसिद्ध पर्यावरणविद शिप्रा पाठक, जिन्हें 'वॉटर वूमन' के नाम से भी जाना जाता है, ने महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम का दौरा किया। संगम की स्वच्छता और निर्मलता को देखकर वह अभिभूत हो गईं। उन्होंने कहा,
"महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में स्वच्छता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन संगम के इस रूप को देखकर लगता है कि यह संभव है।"
स्वच्छता अभियान की सफलता में जनता की भागीदारी
महाकुंभ 2025 में सरकार ने "स्वच्छ संगम, निर्मल संगम" अभियान शुरू किया। इस अभियान में बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों और स्थानीय निवासियों ने हिस्सा लिया। शिप्रा पाठक ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अगर हर व्यक्ति अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाए, तो नदियों को स्वच्छ बनाए रखना मुश्किल नहीं है।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश
शिप्रा पाठक ने इस मौके पर स्वच्छता और जल संरक्षण का महत्व बताते हुए कहा कि नदियां हमारी संस्कृति और अस्तित्व का आधार हैं। उन्होंने कहा,
"नदी की स्वच्छता सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। अगर हम गंगा और यमुना को स्वच्छ रख सकें, तो यह अगली पीढ़ी के लिए सबसे बड़ा उपहार होगा।"
महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम
इस बार महाकुंभ में सरकार ने न केवल स्वच्छता पर ध्यान दिया है, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई हैं। संगम क्षेत्र में स्वच्छ पानी, शौचालय, और कचरा निस्तारण की बेहतर व्यवस्था की गई है।
क्या कहते हैं श्रद्धालु?
महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं का कहना है कि इस बार संगम की स्वच्छता ने उन्हें बहुत प्रभावित किया है। हरिद्वार से आए श्रद्धालु राजेश शर्मा ने कहा,
"पहली बार संगम को इतना स्वच्छ और निर्मल देखा है। इससे स्नान का अनुभव और भी खास हो गया।"
शिप्रा पाठक ने महाकुंभ से पूरे देश को स्वच्छता और जल संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अगर महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में स्वच्छता बनाए रखी जा सकती है, तो इसे हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा क्यों नहीं बनाया जा सकता?