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RG Kar रेप केस: ट्रेनी डॉक्टर से दरिंदगी के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद, कोर्ट ने कहा- यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं

कोलकाता के चर्चित RG Kar रेप केस में संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं माना, लेकिन अपराध को घृणित करार दिया।

कोलकाता, 20 जनवरी 2025: कोलकाता के चर्चित RG Kar रेप केस में आज बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने ट्रेनी डॉक्टर से दरिंदगी करने वाले दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला 2023 में उस समय सुर्खियों में आया था, जब RG Kar मेडिकल कॉलेज की एक ट्रेनी डॉक्टर ने संजय रॉय पर बलात्कार और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था।

कोलकाता की सत्र अदालत ने इस केस में सुनवाई करते हुए कहा कि भले ही यह अपराध घृणित और जघन्य है, लेकिन इसे "रेयरेस्ट ऑफ रेयर" की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

क्या है RG Kar रेप केस?

2023 की यह घटना RG Kar मेडिकल कॉलेज में हुई थी। पीड़िता, जो उस समय एक ट्रेनी डॉक्टर थी, ने आरोप लगाया कि संजय रॉय ने उसे अपने फ्लैट पर बुलाया और वहां उसके साथ बलात्कार किया। घटना के बाद पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया।

जांच और सजा की प्रक्रिया:

  • घटना के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए संजय रॉय को गिरफ्तार किया।
  • मेडिकल जांच और DNA रिपोर्ट्स ने आरोपों की पुष्टि की।
  • मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपी को कठोरतम सजा दिए जाने की मांग की।
  • कोर्ट ने सभी सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर संजय रॉय को दोषी ठहराया।

कोर्ट का फैसला:

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, "यह अपराध अत्यंत घृणित है, लेकिन इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं माना जा सकता।"
जज ने सजा सुनाते हुए कहा कि ऐसे अपराधों के लिए समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए और इस फैसले से अपराधियों को सख्त संदेश जाएगा।

पीड़िता का बयान:

फैसले के बाद पीड़िता ने कहा, "मैं इस फैसले से संतुष्ट हूं। यह मेरे लिए न्याय की शुरुआत है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाए जाएंगे।"

परिवार और समाज की प्रतिक्रिया:

इस घटना ने न केवल पीड़िता के परिवार को बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया था। फैसले के बाद, पीड़िता के परिवार ने कोर्ट के फैसले को न्यायपूर्ण बताया।

महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल:

यह मामला एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करता है। खासतौर पर उन महिलाओं के लिए, जो अपने करियर के शुरुआती दिनों में हैं और जिन्हें ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है।

क्या कहता है कानून?

भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत बलात्कार के दोषियों को कठोर सजा का प्रावधान है। इस मामले में, आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, जो यह सुनिश्चित करती है कि वह अपनी पूरी जिंदगी जेल में बिताएगा।

महत्वपूर्ण सबक:

इस केस से यह साबित होता है कि न्याय प्रणाली ऐसी घटनाओं के प्रति गंभीर है। हालांकि, यह भी जरूरी है कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और ऐसे अपराधों को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाई जाए।