क्या गोमूत्र वाकई सेहत का खजाना है?
IIT मद्रास के डायरेक्टर ने हाल ही में एक कार्यक्रम में ऐसा दावा किया, जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि गोमूत्र न केवल परंपरागत भारतीय आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, बल्कि विज्ञान भी इसके कई फायदों को साबित कर चुका है।
कार्यक्रम में क्या कहा गया?
डायरेक्टर ने एक दिलचस्प कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि एक समय एक संन्यासी ने उन्हें गोमूत्र के लाभों के बारे में बताया। संन्यासी ने कहा कि गोमूत्र में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले तत्व मौजूद होते हैं। यह शरीर को डिटॉक्स करता है और कई गंभीर बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है।
विज्ञान भी करता है समर्थन
IIT मद्रास के शोधकर्ताओं ने भी इस पर अध्ययन किया है। रिपोर्ट के अनुसार, गोमूत्र में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं, जो इसे एक प्राकृतिक औषधि बनाते हैं। इसके अलावा, डायरेक्टर ने यह भी दावा किया कि गोमूत्र का सही तरीके से सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचाव हो सकता है।
क्या कहते हैं आयुर्वेद?
आयुर्वेद में गोमूत्र को पंचगव्य का हिस्सा माना गया है, जो कई औषधीय गुणों से भरपूर है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, गोमूत्र का उपयोग त्वचा रोग, पाचन समस्या और मोटापा कम करने में प्रभावी होता है।
डायरेक्टर का संदेश
डायरेक्टर ने कहा, "हमें अपनी पुरानी परंपराओं को नए नजरिए से देखना चाहिए। गोमूत्र का सेवन तभी फायदेमंद होगा जब इसे सही मात्रा और तरीके से लिया जाए।" उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसका और अधिक अध्ययन किया जाना चाहिए।
क्या कहते हैं आलोचक?
हालांकि, कई लोग इस दावे को अंधविश्वास मानते हैं। उनका कहना है कि इसे बिना वैज्ञानिक प्रमाण के बढ़ावा नहीं देना चाहिए। लेकिन डायरेक्टर का कहना है कि विज्ञान और परंपरा के बीच संतुलन बनाना जरूरी है।
निष्कर्ष
गोमूत्र के फायदों पर बहस जारी है, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि इसे लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है। डायरेक्टर की बातों ने निश्चित रूप से एक नई चर्चा को जन्म दिया है।