नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025: गाजा पट्टी में हाल ही में लागू हुए युद्धविराम के बाद, इजरायल ने भारत के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है। इजरायली प्रधानमंत्री ने आज एक बयान जारी कर कहा कि भारत ने संकट के समय जो समर्थन और समझ दिखाई है, वह बेहद सराहनीय है। उन्होंने खासतौर पर भारतीय कूटनीति की तारीफ करते हुए कहा, "भारत ने हमेशा शांति और स्थिरता का समर्थन किया है, और उनकी कोशिशें सराहनीय हैं।"
युद्धविराम लागू होने की पृष्ठभूमि:
गाजा में लंबे समय से चल रहे संघर्ष के कारण हजारों नागरिकों का जीवन संकट में पड़ गया था। इजरायल और फिलिस्तीनी संगठनों के बीच बढ़ते तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्धविराम लागू करने की कोशिशें हो रही थीं। संयुक्त राष्ट्र और कई देशों की मध्यस्थता के बाद आखिरकार युद्धविराम पर सहमति बनी।
भारत की भूमिका इस समझौते में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने लगातार शांति बहाल करने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए। भारत ने दोनों पक्षों से हिंसा रोकने की अपील की और मानवीय सहायता प्रदान करने की पेशकश भी की।
इजरायल का बयान:
इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा, "हम भारत के समर्थन के लिए आभारी हैं। भारतीय नागरिकों और सरकार ने हमेशा न्याय और शांति का समर्थन किया है। उनके सहयोग ने हमें संकट से बाहर निकलने में मदद की।"
इजरायल ने यह भी कहा कि भारतीय समुदाय के प्रति उनके देश में गहरी प्रशंसा है। वहां बसे भारतीय लोग इजरायली समाज का अहम हिस्सा बन चुके हैं और उनकी मेहनत और समर्पण को सराहा जाता है।
भारतीय कूटनीति की तारीफ:
भारत ने हमेशा से मध्य-पूर्व में शांति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चाहे वह गाजा संघर्ष हो या अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दे, भारत ने संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हम सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की उम्मीद करते हैं। हिंसा का रास्ता किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।"
भारतीयों की भूमिका:
गाजा के संघर्ष के दौरान वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों ने भी मानवीय सहायता में हिस्सा लिया। भारतीय डॉक्टरों और इंजीनियरों ने इजरायल और फिलिस्तीन दोनों में मदद पहुंचाई।
इजरायल और भारत के संबंध:
इजरायल और भारत के बीच रिश्ते हाल के वर्षों में मजबूत हुए हैं। दोनों देशों ने रक्षा, कृषि, और तकनीक के क्षेत्र में गहरे संबंध बनाए हैं। गाजा संघर्ष के दौरान भी, इजरायल ने भारत के साथ अपने सहयोग को बनाए रखा।
गाजा में युद्धविराम लागू हो चुका है, लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह लंबे समय तक कायम रहे। भारत ने इसमें अपनी भूमिका निभाने की पेशकश की है।