राजकरण

6.81 लाख करोड़ रुपये के रक्षा बजट का एलान, पिछले साल के मुकाबले मामूली बढ़ोतरी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश कर दिया है।

नई दिल्ली (एजेंसी)  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश कर दिया है।। बजट 2025 में रक्षा मद में 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पिछले बजट के मुकाबले इसमें मामूली बढ़ोतरी हुई है। शनिवार को घोषित बजट में वित्त मंत्री ने 6,81,210 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 6,21,940 करोड़ रुपये था। बजट में कुल रक्षा पूंजीगत व्यय 1,92,387 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। इसमें राजस्व व्यय 4,88,822 करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें पेंशन के लिए 1,60,795 करोड़ रुपये शामिल हैं। पूंजीगत व्यय के तहत, विमान और एयरो इंजन के लिए 48,614 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जबकि नौसेना बेड़े के लिए 24,390 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अन्य उपकरणों की खरीद के लिए 63,099 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है।

सरकार ने 2024-25 के लिए रक्षा बजट का हिस्सा 2023-24 (संशोधित) में 4,55,897 करोड़ रुपये से घटाकर 4,54,773 करोड़ रुपये कर दिया था। जबकि 2023-24 में बजट अनुमान 4,32,720 करोड़ रुपये था। रक्षा बजट 2024 के लिए 6,21,940 करोड़ रुपये निर्धारित था। जिसमें निर्धारित राजस्व खर्च (रेवेन्यू) 4,39,700 करोड़ रुपये, पूंजीगत खर्च (कैपिटल एक्सपेंडिचर) 1,82,240 करोड़ रुपये रहा। फरवरी में जारी किए गए अंतरिम बजट के कुल आवंटन में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अंतरिम बजट से पूंजीगत परिव्यय में केवल 10,000 करोड़ की वृद्धि हुई है। देखा जाए, तो केवल रक्षा क्षेत्र में पूंजीगत बजट में ही बढ़ोतरी हुई है। आजादी के बाद देश का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को आरके शनमुघम चेट्टी ने पेश किया था। इस बजट का कुल आकार यानी कुल खर्च का अनुमान ₹197.39 करोड़ था। इस बजट में सबसे अधिक आवंटन रक्षा क्षेत्र के लिए ही किया गया था। स्वतंत्र भारत के पहले बजट में 92.74 करोड़ रुपए यानी 46% सिर्फ रक्षा सेवाओं पर खर्च किए जाने की बात कही गई थी।