आज, 10 मार्च 2025 को, संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आरंभ हो रहा है, जो 4 अप्रैल तक चलेगा। इस अवधि में कुल 16 बैठकें होंगी, जिनमें सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है। विपक्ष मणिपुर में हालिया हिंसा, वक्फ संशोधन विधेयक, निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन और मतदाता पहचान पत्र (EPIC) में गड़बड़ी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
मणिपुर में हिंसा और राष्ट्रपति शासन मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा के बाद, केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद, 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन प्रभावी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मणिपुर का बजट संसद में पेश करेंगी, क्योंकि राज्य विधानसभा वर्तमान में निलंबित है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग कर सकता है और हिंसा के लिए सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहरा सकता है।
वक्फ संशोधन विधेयक पर विवाद सरकार वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध है, जो वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और प्रबंधन में सुधार लाने का प्रयास करता है। हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट में उनकी असहमति को शामिल नहीं किया गया है, जिससे वे नाराज हैं। राज्यसभा में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
परिसीमन और त्रिभाषा नीति पर दक्षिणी राज्यों की चिंता दक्षिणी राज्यों, विशेषकर तमिलनाडु, ने प्रस्तावित परिसीमन अभ्यास का विरोध किया है, जो 2026 में जनसंख्या के आधार पर लोकसभा सीटों के पुनर्वितरण से संबंधित है। तमिलनाडु को संभावित रूप से आठ सीटों का नुकसान हो सकता है, जिससे राज्य के राजनीतिक प्रतिनिधित्व में कमी आएगी। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने विपक्षी दलों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर संघर्ष करने का संकल्प लिया है। इसके अलावा, त्रिभाषा नीति और नई शिक्षा नीति (एनईपी) के विरोध में भी दक्षिणी राज्य एकजुट हो रहे हैं, क्योंकि वे इसे हिंदी थोपने का प्रयास मानते हैं।
मतदाता पहचान पत्र (EPIC) में गड़बड़ी के आरोप पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मतदाता पहचान पत्र (EPIC) में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है, जिसमें डुप्लीकेट वोटर आईडी नंबर शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि अन्य राज्यों के मतदाताओं को पश्चिम बंगाल में मतदान करने की अनुमति दी जा रही है, जिससे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि कुछ मतदाताओं के EPIC नंबर समान हो सकते हैं, लेकिन विधानसभा क्षेत्र, मतदान केंद्र और जनसांख्यिकीय जानकारी अलग-अलग हैं। इसके बावजूद, विपक्ष इस मुद्दे को संसद में उठाने की योजना बना रहा है।
अमेरिकी टैरिफ और भारत-अमेरिका संबंध अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने की धमकी ने भी राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। विपक्ष इस मुद्दे को संसद में उठाकर सरकार से जवाब मांग सकता है कि वह अमेरिकी टैरिफ के संभावित प्रभावों से निपटने के लिए क्या कदम उठा रही है।
सरकार की प्राथमिकताएं और विपक्ष की रणनीति सरकार का मुख्य ध्यान अनुदान मांगों को मंजूरी दिलाने, बजटीय प्रक्रिया को पूरा करने और वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कराने पर है। वहीं, विपक्ष मणिपुर में हिंसा, EPIC में गड़बड़ी, परिसीमन और अमेरिकी टैरिफ जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। इन मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस होने की संभावना है, जिससे संसद का यह सत्र हंगामेदार हो सकता है।
संभावित राजनीतिक गतिरोध उपरोक्त मुद्दों के मद्देनजर, संसद के इस सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तीखा राजनीतिक गतिरोध देखने को मिल सकता है। विपक्षी दल एकजुट होकर सरकार की नीतियों और विधेयकों का विरोध करने की योजना बना रहे हैं, जबकि सरकार अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में संसद की कार्यवाही किस दिशा में जाती है और कौन से मुद्दे प्रमुखता से उभरते हैं।