झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया है। यह घटना तब हुई जब साहू पुलिस पर फायरिंग करते हुए फरार होने की कोशिश कर रहा था। इस एनकाउंटर से राज्य में अपराधियों के बीच हड़कंप मच गया है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि अमन साहू अपने गिरोह के साथ एक स्थान पर मौजूद है। इस पर पुलिस ने वहां घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही साहू और उसके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलीबारी की, जिसमें अमन साहू मारा गया। उसके कुछ साथी मौके से फरार हो गए, जिनकी तलाश जारी है।
अमन साहू का आपराधिक इतिहास:अमन साहू झारखंड का एक कुख्यात गैंगस्टर था, जिसके खिलाफ 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। उसने 17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। साहू का नेटवर्क धनबाद, रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, पलामू, लातेहार, बोकारो जैसे झारखंड के तमाम जिलों में फैला हुआ था। वह कोल माइनिंग कंपनियों, कोयला व्यवसायियों और ट्रांसपोर्ट फील्ड के बिजनेसमैन से रंगदारी वसूलता था।
पुलिस अधिकारियों ने इस एनकाउंटर को बड़ी सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि अमन साहू की मौत से राज्य में अपराध की गतिविधियों में कमी आएगी। पुलिस ने यह भी बताया कि साहू के फरार साथियों की तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। उनका मानना है कि अमन साहू की मौत से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बहाल होगी।
व्यवसायियों ने भी राहत की सांस ली है, क्योंकि साहू के आतंक के कारण वे हमेशा भय में रहते थे।अपराध विशेषज्ञों का मानना है कि इस एनकाउंटर से अन्य अपराधियों में भी डर पैदा होगा। वे कहते हैं कि पुलिस की इस कार्रवाई से राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार होगा और अपराधियों के हौसले पस्त होंगे।अमन साहू की मौत से झारखंड में अपराध की दुनिया को बड़ा झटका लगा है। पुलिस की इस कार्रवाई से राज्य में शांति और सुरक्षा की उम्मीद बढ़ी है। यह घटना साबित करती है कि कानून से बड़ा कोई नहीं है और अपराध का अंत निश्चित है।