लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी में अब 10 हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक के भौतिक स्टांप वैध नहीं माने जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके बाद अब 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक के स्टांप पत्र चलन से बाहर हो जाएंगे। अब इनके स्थान पर ई-स्टाम्प का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए 5,630 करोड़ रुपये से अधिक के स्टांप को बीड आउट किया जाएगा। पुराने स्टांप 31 मार्च 2025 तक ही मान्य होंगे। स्टांप प्रणाली में पारदर्शिता और गड़बड़ियों को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कुल 19 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। सभी को सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई है। इन प्रस्तावों में स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, शहरी विकास और कर्मचारी कल्याण से जुड़े कई अहम निर्णय शामिल हैं।
योगी मंत्रिपरिषद की बैठक में बंद पड़ी कताई मिलों पर नए उद्योग लगाने को मंजूरी मिली। टैक्सफेड ग्रुप के अंतर्गत उप्र सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की बंद पड़ी कताई मिलों की 451.20 एकड़ भूमि के औद्योगिक प्रयोग के लिए यूपीसीडा को नि:शुल्क हस्तांतरित करने को स्वीकृति प्रदान की गई है। उप्र सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की बंद पड़ी इकाइयों में महमूदाबाद (सीतापुर) में 71.02 एकड़, फतेहपुर में 55.31 एकड़, मऊआइमा (प्रयागराज) में 85.24 एकड़, बहादुरगंज (गाजीपुर) में 78.92 एकड़, कम्पिल (फर्रुखाबाद) में 82.15 एकड़ और बुलंदशहर में 78.56 एकड़ भूमि यूपीसीडा को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया गया है। इन भूमियों पर नई औद्योगिक इकाईयों की स्थापना की जाएगी।
डिफेंस कॉरिडोर में डीटीआईएस की स्थापना के लिए भूमि हस्तांतरित
मंत्रिपरिषद की बैठक में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड के अंतर्गत डीटीआईएस की स्थापना के लिए एसपीवी को 0.8 हेक्टेयर भूमि नि:शुल्क हस्तांतरित करने को लेकर स्वीकृति प्रदान की गई है।
डीटीआईएस फैसिलिटी का विकास एक कॉमन टेस्टिंग फैसिलिटी सेंटर के रूप में किया जाएगा। इसमें लखनऊ नोट के अंतर्गत स्थापित रक्षा इकाईयों द्वारा अपने उत्पादों का परीक्षण एवं सर्टिफिकेशन के लिए किया जाएगा।
राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना को दो साल का विस्तार
मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य स्मार्ट सिटी योजना को दो साल के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया। यह योजना प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों के लिए लागू होगी। पहले यह योजना पांच साल के लिए थी। अब इसे राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विस्तार दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने 2019-20 में प्रदेश में 10 स्मार्ट सिटी का चयन किया था। जबकि, प्रदेश सरकार ने सात शहर, गाजियाबाद, मेरठ, फिरोजाबाद, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, शाहजहांपुर और गोरखपुर को भी शामिल किया था। इस विस्तार से शहरी विकास को नई गति मिलेगी।