देश विदेश

Wrestling Federation of India की 442 दिनों बाद बहाली: खेल मंत्रालय ने हटाया प्रतिबंध; बृजभूषण के करीबी संजय सिंह को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

442 दिनों के बाद, खेल मंत्रालय ने Wrestling Federation of India (WFI) पर से प्रतिबंध हटा लिया है, जिससे WFI की मान्यता बहाल हो गई है। इसके साथ ही, बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी संजय सिंह को WFI के संचालन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।

442 दिनों के निलंबन के बाद, खेल मंत्रालय ने Wrestling Federation of India (WFI) पर से प्रतिबंध हटा लिया है, जिससे WFI की मान्यता बहाल हो गई है। इस निर्णय के साथ, बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी संजय सिंह को WFI के संचालन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।

 

  24 दिसंबर 2023 को, खेल मंत्रालय ने WFI की गतिविधियों को निलंबित कर दिया था और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को एक एड-हॉक समिति बनाने का निर्देश दिया था ताकि राष्ट्रीय खेल महासंघ के दैनिक कार्यों का संचालन किया जा सके। यह निर्णय WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला एथलीटों के यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद लिया गया था।

 

हालांकि, हाल ही में मंत्रालय ने WFI की निलंबन को रद्द कर दिया है, यह मानते हुए कि WFI ने आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए हैं। इस निर्णय के बाद, संजय सिंह, जो बृजभूषण के करीबी माने जाते हैं, को WFI के संचालन की पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन आरोपों के चलते खेल मंत्रालय ने WFI की मान्यता निलंबित कर दी थी और IOA को एक एड-हॉक समिति बनाने का निर्देश दिया था ताकि संगठन के दैनिक कार्यों का संचालन किया जा सके।

WFI की मान्यता बहाल होने के बाद, संजय सिंह ने कहा कि वह अब कुश्ती से संबंधित मामलों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और सुनिश्चित करेंगे कि पेरिस ओलंपिक में भारत पदक जीते। उन्होंने यह भी कहा कि WFI जल्द ही अपनी वार्षिक आम बैठक और कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित करेगा, जिसमें पेरिस ओलंपिक के लिए चयन ट्रायल्स पर चर्चा की जाएगी।

कुछ पहलवानों ने इस निर्णय पर चिंता व्यक्त की है, विशेष रूप से वे जो बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ थे। उनका मानना है कि संजय सिंह की नियुक्ति से संगठन में पूर्व अध्यक्ष का प्रभाव बना रह सकता है। हालांकि, संजय सिंह ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि WFI स्वतंत्र रूप से कार्य करेगा।

WFI की मान्यता बहाल होने से भारतीय कुश्ती को एक नई दिशा मिल सकती है। हालांकि, संगठन की विश्वसनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि WFI अपने संचालन में सुधार करे और एथलीटों की चिंताओं को गंभीरता से ले। 

442 दिनों के बाद WFI की मान्यता बहाल होना भारतीय कुश्ती के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अब यह देखना होगा कि संजय सिंह के नेतृत्व में WFI कैसे कार्य करता है और आगामी पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय पहलवानों की तैयारी कैसे होती है।