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‘सुनियोजित विकास प्राधिकरण के साथ’, का नारा देकर शहर के विकास का दम भरने
वाला मेरठ विकास प्राधिकरण कार्यालय खुद अपना विकास नहीं कर पा रहा है। आज
हुई तेज बारिश में मेरठ विकास प्राधिकरण कार्यालय परिसर पूरी तरह जलमग्न हो
गया। मेडा कार्यालय से कुछ ही दूरी मेरठ के पुलिस कप्तान यानि एसएसपी
कार्यालय परिसर भी पूरी तरह बारिश का पानी भर गया, जिस कारण फरियादियों को या
तो पानी से होकर अंदर तक जाना पड़ा या कार्यालय के मेन गेट पर ही खड़ेरहे।
इसी तरह शहर के निचले मौहल्ले और बाजार भी बारिश के पानी से जलमग्न हो गए।
जिससे नगर निगम के जलभराव से मुक्ति वाले दावे की भी पोल खुल गई। दरअसल,
नगरनिगम हर वर्ष शहर को जलभराव से मुक्त करने की योजना बनाता है, कार्ययोजना
पर करोड़ों रुपए भी खर्च होते हैं, परंतु बारिश के बाद नजारा वही दिखाई देता
है, जो पिछले वर्षों से देखा जा रहा है। जनप्रतिनिधियों और अफसरों द्वारा
बैठकें और दावे तो बड़े- बड़ेकिए जाते हैं, लेकिन स्थिति वही ढाक के तीन पात।
पूर्वी कचहरी मार्ग शंकर आश्रम के सामने कुछ ही देर की बारिश का पानी भर गया।
बच्चा पार्क भी बारिश में हर साल की तरह इस साल भी पानी- पानी हो गया।
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