महाकुंभ 2025 में करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, जिससे प्रयागराज में यात्रा, होटल और अन्य सेवाओं की मांग चरम पर पहुंच गई है। इसी का फायदा उठाते हुए एयरलाइंस कंपनियों ने किराए में भारी इजाफा कर दिया है। जहां सामान्य दिनों में दिल्ली से प्रयागराज का हवाई किराया 3,000 से 5,000 रुपये के बीच होता है, वहीं अब यह 25,000 से 35,000 रुपये तक पहुंच गया है।
यात्रियों और श्रद्धालुओं ने एयरलाइंस कंपनियों पर मनमानी कीमत वसूलने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर भारी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। ट्विटर पर #MahakumbhAirfareScam और #OverpricedFlights जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
संसद में उठा मुद्दा, सरकार से कार्रवाई की मांग
विपक्षी दलों और प्रयागराज से जुड़े सांसदों ने इस मुद्दे को संसद में उठाया। लोकसभा और राज्यसभा में इस विषय पर चर्चा हुई, जहां कई सांसदों ने केंद्र सरकार से हवाई किराए पर नियंत्रण लगाने और एयरलाइंस कंपनियों की जांच कराने की मांग की।
सरकार का जवाब
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यात्रा मांग बढ़ने के कारण किराए में वृद्धि हुई है, लेकिन सरकार मनमाने किराए की समीक्षा करेगी और जरूरत पड़ी तो उचित कार्रवाई भी करेगी। मंत्रालय ने एयरलाइंस कंपनियों से किराया तर्कसंगत रखने की अपील की है।
रेलवे और बस सेवाओं पर भी असर
हवाई किराए की बढ़ोतरी के बाद अब रेलवे और बस सेवाओं पर भी जबरदस्त दबाव देखने को मिल रहा है। ट्रेन टिकटों की वेटिंग लिस्ट 300 से 500 तक पहुंच चुकी है, जबकि बसों में भी किराए दो से तीन गुना बढ़ गए हैं। प्रयागराज जाने वाले प्रमुख मार्गों पर बस ऑपरेटर दिल्ली से प्रयागराज का किराया 4,000 रुपये तक वसूल रहे हैं, जो सामान्य दिनों में 1,200 रुपये के आसपास होता है।
यात्रियों की मांग – सरकार तुरंत हस्तक्षेप करे
प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं और आम यात्रियों का कहना है कि सरकार को एयरलाइंस कंपनियों और बस ऑपरेटर्स की मनमानी पर लगाम लगानी चाहिए। कुछ लोगों ने यह भी सुझाव दिया है कि सरकार को महाकुंभ के दौरान विशेष सब्सिडी वाली उड़ानें शुरू करनी चाहिए, ताकि हर कोई आसानी से संगम नगरी पहुंच सके।
क्या सरकार सख्त कदम उठाएगी?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से भले ही किराया नियंत्रण को लेकर आश्वासन दिया गया हो, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यदि हवाई किराए में जल्द कटौती नहीं होती है, तो यह मुद्दा आने वाले दिनों में और गर्मा सकता है।