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गुजरात में Uniform Civil Code की तैयारी तेज़: दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक में ड्राफ्ट पर चर्चा

गुजरात में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने की दिशा में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की, जिसमें ड्राफ्ट तैयार करने पर विस्तृत चर्चा की गई।

गुजरात सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने की प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाते हुए, हाल ही में नई दिल्ली स्थित गुजरात भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय समिति ने भाग लिया। समिति के अन्य सदस्यों में सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सी.एल. मीणा, अधिवक्ता आर.सी. कोडेकर, पूर्व कुलपति दक्षेश ठाकर, और सामाजिक कार्यकर्ता गीताबेन श्रॉफ शामिल हैं।

 

बैठक के दौरान, समिति ने राज्य के लिए प्रस्तावित Uniform Civil Code के उद्देश्यों, दायरे, और कार्यान्वयन के तरीकों पर विस्तृत चर्चा की। समिति ने विभिन्न हितधारकों के साथ समावेशी परामर्श के माध्यम से मौजूदा कानूनों की व्यापक समीक्षा करने की योजना बनाई है, ताकि एक प्रगतिशील और न्यायसंगत कानूनी ढांचा विकसित किया जा सके, जो राज्य के सभी नागरिकों के लिए न्याय, समानता, और सामाजिक सद्भाव को सुनिश्चित करे।

 

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पहले ही राज्य में Uniform Civil Code की आवश्यकता का आकलन करने और कानून का मसौदा तैयार करने के लिए इस पांच सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप है, जो सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और विशेषाधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

समिति से 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने की उम्मीद है, जिसके आधार पर राज्य सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। इस पहल का उद्देश्य विवाह, तलाक, गोद लेना, विरासत, और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत कानूनों में एकरूपता लाना है, ताकि सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित किए जा सकें।

 

गुजरात में Uniform Civil Code लागू करने की इस पहल को राज्य में लैंगिक समानता, सामाजिक न्याय, और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, कुछ संगठनों और धार्मिक समूहों ने इस पर अपने संदेह व्यक्त किए हैं और सरकार से अधिक समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है।

 

आगामी दिनों में, समिति विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श करेगी और उनकी राय को ध्यान में रखते हुए Uniform Civil Code के मसौदे को अंतिम रूप देगी। इसके बाद, इसे विधानसभा में पेश करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे राज्य में सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और विशेषाधिकार सुनिश्चित किए जा सकें।