LPG Price Hike: 50 रुपये महंगा हुआ एलपीजी सिलेंडर, उज्ज्वला योजना पर भी पड़ेगा असर, जानें नई कीमतें

LPG Price Hike की घोषणा ने आम जनता को चौंकाया है। 8 अप्रैल 2025 से एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी लागू होगी, जिसका असर उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों पर भी पड़ेगा। जानिए नई कीमतें और इसका आपकी जेब पर प्रभाव।

7 अप्रैल 2025 को केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह नया दाम 8 अप्रैल 2025 से लागू होगा, जिसका असर न केवल सामान्य उपभोक्ताओं पर, बल्कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों पर भी पड़ेगा। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी और बताया कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और तेल विपणन कंपनियों के नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह LPG Price Hike आम आदमी की रसोई के बजट को और मुश्किल में डाल देगा? आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।

एलपीजी सिलेंडर की नई कीमतों के अनुसार, सामान्य उपभोक्ताओं के लिए 14.2 किलोग्राम का घरेलू सिलेंडर अब 803 रुपये के बजाय 853 रुपये में मिलेगा। वहीं, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए यह कीमत 500 रुपये से बढ़कर 550 रुपये हो जाएगी। यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है, जब देश में महंगाई पहले से ही लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है। खासकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए, जो अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए एलपीजी सिलेंडर पर निर्भर हैं, यह एक बड़ा झटका हो सकता है।

पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि यह LPG Price Hike तेल विपणन कंपनियों को पिछले साल हुए 41,338 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई के लिए जरूरी था। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हर 15-30 दिनों में कीमतों की समीक्षा करेगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार के आधार पर बदलाव करेगी। लेकिन इस बयान ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह बढ़ोतरी स्थायी होगी, या जल्द ही कीमतें कम हो सकती हैं? क्या सरकार के पास कोई वैकल्पिक योजना है, जो उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को राहत दे सके?

उज्ज्वला योजना, जिसे 2016 में शुरू किया गया था, का मकसद गरीब और ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराना था। इस योजना के तहत अब तक 33 करोड़ से ज्यादा परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। लेकिन कीमतों में यह नई बढ़ोतरी उन महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बन सकती है, जो इस योजना के तहत सब्सिडी वाले सिलेंडर का इस्तेमाल करती हैं। एक ग्रामीण परिवार, जो पहले से ही सीमित आय में घर चलाता है, के लिए 50 रुपये की बढ़ोतरी छोटी नहीं है।

इस LPG Price Hike का असर सिर्फ घरेलू रसोई तक सीमित नहीं है। छोटे-मोटे व्यवसाय, जैसे ढाबे, चाय की दुकानें और स्ट्रीट फूड स्टॉल, जो घरेलू सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं, भी प्रभावित होंगे। इन व्यवसायों को अब ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी, जिसका असर उनकी कमाई और ग्राहकों पर पड़ सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह बढ़ोतरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भी इजाफा कर सकती है, क्योंकि छोटे व्यवसायी लागत को संतुलित करने के लिए अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ा सकते हैं।

सोशल मीडिया पर इस LPG Price Hike को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे जरूरी कदम मान रहे हैं, क्योंकि तेल कंपनियों को नुकसान से उबारना जरूरी है। वहीं, कई लोग इसे सरकार की जनविरोधी नीति बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "जब पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर हैं, तो एलपीजी सिलेंडर की कीमत क्यों बढ़ाई जा रही है? यह आम आदमी पर बोझ डालने जैसा है।" एक अन्य यूजर ने उज्ज्वला योजना का जिक्र करते हुए कहा, "मुफ्त कनेक्शन देना अच्छा था, लेकिन अब सिलेंडर की कीमत इतनी बढ़ा दी कि गरीब परिवार इसे भरवाने से पहले दस बार सोचेगा।"

इस बीच, सरकार ने यह भी साफ किया कि हाल ही में पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए 2 रुपये प्रति लीटर के अतिरिक्त उत्पाद शुल्क का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा। लेकिन एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला पहले से ही लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। कुछ विपक्षी नेताओं ने इस फैसले की आलोचना की है और इसे "महंगाई की नई मार" करार दिया है।

LPG Price Hike के पीछे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों का उतार-चढ़ाव एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। मध्य पूर्व में चल रहे तनाव और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटों ने तेल की कीमतों को अस्थिर कर दिया है। इसके अलावा, रुपये की कीमत में कमी भी इस बढ़ोतरी का एक कारण है। लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकार के पास कोई ऐसी नीति है, जो इन वैश्विक उतार-चढ़ाव का बोझ आम आदमी पर डालने से रोक सके?

उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए यह खबर और भी निराशाजनक है, क्योंकि इस योजना का मकसद ही गरीब परिवारों को राहत देना था। अब जब सिलेंडर की कीमत 550 रुपये हो जाएगी, तो कई परिवार इसे भरवाने में हिचक सकते हैं। कुछ लोग फिर से लकड़ी या कोयले जैसे पारंपरिक ईंधन की ओर लौट सकते हैं, जो न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है।

इस LPG Price Hike ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि क्या सरकार की नीतियां वाकई आम आदमी के हित में हैं? क्या इस बढ़ोतरी को टाला जा सकता था, या कोई वैकल्पिक रास्ता निकाला जा सकता था? फिलहाल, लोगों को इस नई कीमत के साथ तालमेल बिठाना होगा। लेकिन यह साफ है कि यह बढ़ोतरी रसोई के बजट को और दबाव में डालेगी।

अब सवाल यह है कि क्या सरकार जल्द ही कोई राहत पैकेज या सब्सिडी की घोषणा करेगी? या फिर यह एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी आम आदमी के लिए एक और चुनौती बनकर रह जाएगी? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिल सकते हैं। तब तक, यह खबर हर उस परिवार के लिए चिंता का विषय बनी रहेगी, जो अपनी रसोई में एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल करता है।