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Rahul Gandhi LIVE Action: बिहार में आज पद यात्रा करेंगे राहुल गांधी, पटना से पहले दिया युवाओं को खास संदेश

6 अप्रैल 2025 को राहुल गांधी बिहार के बेगूसराय में पद यात्रा में शामिल होंगे। "पलायन रोको, नौकरी दो" यात्रा में हिस्सा लेने से पहले उन्होंने युवाओं से व्हाइट टी-शर्ट पहनकर आने की अपील की। पटना में संविधान सम्मेलन को भी करेंगे संबोधित। पूरी खबर पढ़ें।

देश की सियासत में एक बार फिर हलचल मचने वाली है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कल यानी 7 अप्रैल को बिहार के दौरे पर रहेंगे। इस दौरे का मुख्य आकर्षण बेगूसराय में उनकी पद यात्रा है, जिसका नाम है "पलायन रोको, नौकरी दो"। यह यात्रा पिछले महीने से चल रही है, और अब राहुल गांधी इसमें कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार हैं। इससे पहले आज उन्होंने सोशल मीडिया पर एक खास संदेश जारी किया, जिसमें बिहार के युवाओं से अपील की कि वे व्हाइट टी-शर्ट पहनकर इस यात्रा में शामिल हों और अपनी आवाज बुलंद करें। यह खबर इतनी रोमांचक है कि इसे पढ़े बिना आप रह नहीं पाएंगे। आइए, इस दौरे और इसके पीछे की कहानी को विस्तार से समझते हैं।

राहुल गांधी का यह दौरा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस की तैयारियों का हिस्सा है। सुबह 9:50 बजे वह पटना एयरपोर्ट पर उतरेंगे और 10:10 बजे बेगूसराय के लिए रवाना होंगे। बेगूसराय में वह पद यात्रा में शामिल होंगे, जो कन्हैया कुमार के नेतृत्व में चल रही है। कन्हैया, जो कभी जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे और अब कांग्रेस के युवा चेहरों में से एक हैं, इस यात्रा के जरिए बिहार के युवाओं को पलायन और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर जागरूक कर रहे हैं। राहुल का इस यात्रा में शामिल होना न सिर्फ कन्हैया को मजबूती देगा, बल्कि कांग्रेस को बिहार में नई ऊर्जा भी दे सकता है। दोपहर 1 बजे तक वह इस यात्रा में हिस्सा लेंगे और फिर पटना लौट आएंगे।

पटना में राहुल का दूसरा बड़ा कार्यक्रम है "संविधान सुरक्षा सम्मेलन"। यह सम्मेलन श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में होगा, जहां वह सामाजिक कार्यकर्ताओं और कांग्रेस नेताओं को संबोधित करेंगे। इसके बाद वह सदाकत आश्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। राहुल का यह दौरा इसलिए भी खास है, क्योंकि यह 2025 में उनका बिहार का तीसरा दौरा है। इससे पहले जनवरी और फरवरी में वह पटना आ चुके हैं, जहां उन्होंने संविधान और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर जोर दिया था। लेकिन इस बार उनका फोकस युवाओं और रोजगार पर है, जो बिहार के लिए सबसे बड़ा मुद्दा माना जाता है।

राहुल ने अपने संदेश में कहा, "बिहार के युवा साथियों, मैं 7 अप्रैल को बेगूसराय आ रहा हूं, पद यात्रा में आपके साथ चलने। लक्ष्य है कि पूरी दुनिया को बिहार के युवाओं की भावना दिखे, उनका संघर्ष दिखे, उनका कष्ट दिखे। आप भी व्हाइट टी-शर्ट पहनकर आइए, सवाल पूछिए, आवाज उठाइए।" इस संदेश ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। लोग इसे "व्हाइट टी-शर्ट मूवमेंट" कह रहे हैं, और बिहार के युवाओं में इसे लेकर उत्साह देखा जा रहा है। राहुल का यह कदम न सिर्फ कांग्रेस की रणनीति को मजबूत कर रहा है, बल्कि विपक्षी गठबंधन महागठबंधन को भी नई दिशा दे सकता है।

बेगूसराय में यह पद यात्रा पिछले महीने पूर्वी चंपारण से शुरू हुई थी। कन्हैया कुमार इसके स्टार चेहरा हैं, और उनकी यह पहल बिहार के ग्रामीण इलाकों में खासी चर्चा बटोर रही है। बेगूसराय कन्हैया का गृह जिला भी है, जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में वह CPI के टिकट पर लड़े थे, लेकिन हार गए थे। अब कांग्रेस के साथ वह फिर से अपनी जमीन तलाश रहे हैं। राहुल गांधी का उनके साथ इस यात्रा में शामिल होना कन्हैया के लिए बड़ा बूस्टर साबित हो सकता है। यह यात्रा बिहार के उन लाखों युवाओं की आवाज बन रही है, जो रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं। राहुल का कहना है कि बिहार को अवसरों की धरती बनाना उनका मकसद है, और इसके लिए वह हर संभव कोशिश करेंगे।

पटना में होने वाला संविधान सम्मेलन भी कम अहम नहीं है। राहुल इसमें संविधान की रक्षा और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर बात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, वह जातीय जनगणना की मांग को फिर से उठा सकते हैं, जो उनका पुराना मुद्दा रहा है। बिहार में जाति की सियासत हमेशा से अहम रही है, और राहुल इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में हैं। इससे पहले फरवरी में पटना में उन्होंने कहा था, "जब तक सही जनगणना नहीं होगी, दलितों और पिछड़ों को उनका हक नहीं मिलेगा।" इस बार भी वह इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा सकते हैं, जिससे नीतीश कुमार और NDA पर दबाव बढ़ेगा।

इस दौरे का सियासी मायने भी कम नहीं है। बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने हैं, और कांग्रेस इस बार ज्यादा सीटों पर दावेदारी करना चाहती है। महागठबंधन में RJD और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर पहले भी तनातनी रही है। तेजस्वी यादव ने हाल ही में कहा था, "सीटें तो सिर्फ 243 हैं, सबको टिकट चाहिए।" ऐसे में राहुल का यह दौरा कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का विकल्प भी तलाश रहे हैं, जैसा कि हरियाणा और दिल्ली में देखा गया। अगर ऐसा हुआ, तो यह बिहार की सियासत में बड़ा उलटफेर होगा।

सोशल मीडिया पर इस दौरे को लेकर चर्चा जोरों पर है। लोग राहुल के संदेश को शेयर कर रहे हैं, और व्हाइट टी-शर्ट मूवमेंट ट्रेंड कर रहा है। एक यूजर ने लिखा, "राहुल गांधी का यह कदम बिहार के युवाओं को नई उम्मीद देगा।" वहीं, कुछ ने इसे महज सियासी ड्रामा बताया। एक अन्य यूजर ने लिखा, "पद यात्रा से कुछ नहीं होगा, नीतीश को हराने के लिए ठोस रणनीति चाहिए।" लेकिन इन सबके बीच यह साफ है कि राहुल का यह दौरा लोगों का ध्यान खींच रहा है। बेगूसराय में कल सुबह से ही भीड़ जुटने की उम्मीद है, और पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

राहुल का यह दौरा सिर्फ एक दिन का है, लेकिन इसका असर लंबे वक्त तक देखा जा सकता है। बेगूसराय की सड़कों पर उनकी पद यात्रा और पटना में उनका संबोधन कांग्रेस को नई ताकत दे सकता है। क्या यह यात्रा बिहार के युवाओं की उम्मीदों को पूरा कर पाएगी? क्या राहुल गांधी इस बार बिहार में कांग्रेस की खोई जमीन वापस ला पाएंगे? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे। लेकिन अभी के लिए, यह तय है कि यह दौरा बिहार की सियासत में नया रंग भरने जा रहा है। अगर आप सियासत और युवाओं के मुद्दों में रुचि रखते हैं, तो यह खबर आपके लिए है।