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Arvind Kejriwal: इन शर्तों पर CM केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

जस्टिस कांत ने अपने फैसले में कहा कि, केजरीवाल को सीबीआई मामले में 10 लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दी जाती है। साथ ही मुख्यमंत्री को कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले से जुड़े मामले में सीएम केजरीवाल को जमानत दे दी है। SC ने यह जमानत कई शर्तो पर दी है। 
 
जस्टिस कांत ने अपने फैसले में कहा कि, केजरीवाल को सीबीआई मामले में 10 लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दी जाती है। साथ ही मुख्यमंत्री को कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया है।
 
 ऐसे में आइए जानते है कि सुप्रीम कोर्ट ने किन-किन शर्तों पर सीएम केजरीवाल को रिहा किया है। 
 
1. बता दें कि, अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा पाएंगे। 
2. न ही वो किसी भी फाइल पर दस्तखत कर सकते है। 
3. साथ ही कोर्ट ने उनको निर्देश दिया है कि, वो केस से जुड़े मामले पर कोई सार्वजनिक चर्चा या टिप्पणी नहीं करेंगे। 
4. इसके अलावा जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। 
5. साथ ही जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे। 
 
 
गिरफ्तारी की वैधता के मुद्दे पर जजों के बीच असहमति !
 
 अपना फैसला पढ़ते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, 'हमने 3 सवाल तय किए हैं. क्या गिरफ्तारी में कोई अवैधता थी, क्या अपीलकर्ता को नियमित जमानत दी जानी चाहिए, क्या आरोप पत्र दाखिल करना परिस्थितियों में इतना बदलाव है कि उसे ट्रायल कोर्ट में भेजा जा सके। इसके बाद उन्होंने पहले फैसले में केजरीवाल के झटका देते हुए कहा, 'हम अपीलकर्ता की दलीलों से सहमत नहीं हैं कि सीबीआई धारा 41 का पालन करने में विफल रही। यानी उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध बताया।' वहीं, जस्टिस भुइंया ने फैसला सुनाते हुए सीबीआई की गिरफ्तारी को अवैध बताया। उन्होंने कहा,'एक ही अपराध के तहत CBI की आगे की हिरासत असहनीय हो गई है. जमानत नियम है और जेल अपवाद है. अदालतों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पूर्व-परीक्षण प्रक्रिया सजा न बन जाए। सीबीआई की गिरफ्तारी अनुचित है, इसलिए अपीलकर्ता को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए।'