देश विदेश

महाकुंभ: मकर संक्रांति पर ढाई करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया अमृत स्नान, सुरक्षा कारणों से प्रयागराज जंक्शन के गेट किए गए बंद

मकर संक्रांति पर आज प्रयागराज में ढाई करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया। भीड़ प्रबंधन के तहत प्रशासन ने प्रयागराज जंक्शन के गेट अस्थायी रूप से बंद कर दिए।

प्रयागराज, 14 जनवरी 2025: महाकुंभ मेले के दौरान मकर संक्रांति का पावन पर्व लाखों श्रद्धालुओं के लिए अद्वितीय धार्मिक अवसर बनकर आया। आज के दिन, संगम नगरी प्रयागराज में ढाई करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर अमृत स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

सुरक्षा के मद्देनजर, प्रशासन ने प्रयागराज जंक्शन के कुछ गेट अस्थायी रूप से बंद कर दिए। यह कदम भीड़ प्रबंधन और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।

ढाई करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया अमृत स्नान

महाकुंभ मेले के इस विशेष दिन पर, सुबह से ही संगम घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लग गया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति पाने और ईश्वर से आशीर्वाद की कामना की।

प्रयागराज जंक्शन के गेट बंद

भारी भीड़ को देखते हुए, रेलवे प्रशासन ने प्रयागराज जंक्शन के मुख्य गेटों को अस्थायी रूप से बंद रखने का निर्णय लिया। इससे तीर्थयात्रियों की भीड़ को प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक दबाव से बचाया जा सके। यात्रियों को वैकल्पिक रास्तों से स्टेशन में प्रवेश और निकास की अनुमति दी गई।

प्रशासन ने किए विशेष इंतजाम

प्रशासन ने मेले के सफल आयोजन के लिए कई विशेष इंतजाम किए। 30,000 से अधिक स्वयंसेवकों ने श्रद्धालुओं की सहायता की। घाटों पर साफ-सफाई और चिकित्सा सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया। इसके अलावा, मेले में अलग-अलग जगहों पर सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी रखी गई।

धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन

महाकुंभ में अमृत स्नान के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। कथा वाचन, भजन-कीर्तन और संत प्रवचन ने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया।

महाकुंभ की महिमा

महाकुंभ मेला हर 12 साल में आयोजित होता है और यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। मकर संक्रांति के अवसर पर यह मेला अपनी आध्यात्मिकता और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है।