भक्ति

महाकुंभ में डेढ़ करोड़ श्रद्लुओ ने लगाई डुबकी

महाकुंभ 2025: डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी

महाकुंभ मेले में लगभग डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों में डुबकी लगाई। यह अद्भुत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्सव हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मेला 12 साल में एक बार आयोजित होता है, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत, और तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों से एकत्र होते हैं।

पवित्र स्नान का मुख्य उद्देश्य अपने पापों से मुक्ति पाना और आत्मा को शुद्ध करना होता है। श्रद्धालु सूरज उगने से पहले नदी के घाटों पर पहुँचते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ स्नान करते हैं।

इस दौरान धार्मिक प्रवचन, भजन-कीर्तन, और साधु-संतों के आशीर्वाद का अनुभव लोगों को आध्यात्मिक उन्नति का एहसास कराता है। महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्व रखता है।

महाकुंभ मेला भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का एक अद्वितीय उदाहरण है। यह मेला हिंदू धर्म में सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव माना जाता है, जो हर 12 वर्ष में आयोजित होता है। महाकुंभ का आयोजन चार पवित्र स्थानों पर होता है: प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। यह आयोजन हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए एक ऐसा अवसर होता है, जहां वे पवित्र नदियों में स्नान करके अपने पापों से मुक्ति पाने और आत्मा को शुद्ध करने का प्रयास करते हैं। हाल ही में आयोजित महाकुंभ में करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई। यह आयोजन अपने आप में अद्वितीय था, जिसमें आध्यात्मिकता, आस्था और भारतीय संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला।