तमिलनाडु के मदुरै जिले में आयोजित जल्लीकट्टू कार्यक्रम के दौरान एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 75 से अधिक लोग घायल हो गए। यह घटना आज, 15 जनवरी 2025 को, जल्लीकट्टू के दौरान हुई।
जल्लीकट्टू तमिलनाडु का एक पारंपरिक खेल है, जो पोंगल के अवसर पर आयोजित किया जाता है। इसे बैलों की दौड़ के नाम से भी जाना जाता है। मदुरै के अवनियापुरम में इस खेल का आयोजन किया गया था, जहां हजारों लोग इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने पहुंचे थे।
हादसा कैसे हुआ?
कार्यक्रम के दौरान, एक बैल नियंत्रण से बाहर हो गया और भीड़ की तरफ भागने लगा। इस घटना में कई लोग बैल की चपेट में आ गए। एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 75 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
मदुरै के जिलाधिकारी ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि सुरक्षा के सभी उपाय किए गए थे, लेकिन बैल के बेकाबू हो जाने से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। उन्होंने बताया कि घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाया जाएगा।
जल्लीकट्टू की सुरक्षा पर सवाल
हर साल जल्लीकट्टू के दौरान इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, जिससे कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगते हैं। इस साल भी तमाम सुरक्षा प्रबंधों के बावजूद यह हादसा हुआ, जिसने तमिलनाडु सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
क्या है जल्लीकट्टू?
जल्लीकट्टू तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों का एक पारंपरिक खेल है, जिसमें प्रतिभागी बैल की सींग पकड़कर उसे काबू में करने की कोशिश करते हैं। यह खेल साहस और परंपरा का प्रतीक माना जाता है। हालांकि, इसे लेकर कई बार विवाद भी हुए हैं, क्योंकि इसमें जान-माल का खतरा हमेशा बना रहता है।
पीड़ित परिवारों को सहायता
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही, घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जल्लीकट्टू जैसे कार्यक्रमों में सुरक्षा के लिए और सख्त नियम बनाए जाने चाहिए। हर साल इस खेल में कई लोग घायल होते हैं, और कुछ मामलों में तो मौत भी हो जाती है।
यह घटना एक बार फिर से जल्लीकट्टू की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या परंपरा के नाम पर लोगों की जान जोखिम में डालना सही है? यह सवाल तमिलनाडु के प्रशासन और समाज दोनों के सामने है।