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भारत-बांग्लादेश सीमा पर कांटेदार तारबंदी को लेकर बढ़ा तनाव, राजनयिक हलचल तेज

भारत-बांग्लादेश सीमा पर कांटेदार तारबंदी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है। जानें सीमा विवाद के पीछे की कहानी।

सीमा पर कांटेदार तारबंदी को लेकर भारत-बांग्लादेश के बीच बढ़ा विवाद

भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा सुरक्षा को लेकर हाल ही में तनाव बढ़ गया है। विवाद की जड़ सीमा पर कांटेदार तारबंदी है, जिसे भारत अपनी सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक बता रहा है, जबकि बांग्लादेश इसे दोनों देशों के बीच के संबंधों में खलल पैदा करने वाला कदम मान रहा है।


क्या है विवाद?

भारत और बांग्लादेश के बीच 4096 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें से लगभग 70% हिस्से पर कांटेदार तारबंदी का काम पूरा हो चुका है।

  • भारत का तर्क है कि यह अवैध घुसपैठ, तस्करी और आतंकवाद को रोकने के लिए जरूरी है।
  • बांग्लादेश का कहना है कि यह कदम सीमावर्ती ग्रामीणों के जीवन को प्रभावित कर रहा है और दोनों देशों के रिश्तों पर नकारात्मक असर डाल रहा है।

हालिया घटना

हाल ही में बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाके में भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा तारबंदी के विस्तार के प्रयासों को लेकर विवाद बढ़ गया।

  • स्थानीय निवासियों और बांग्लादेशी सुरक्षाबलों ने तारबंदी का विरोध किया।
  • इसके चलते सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई।
  • बांग्लादेश की ओर से ढाका में भारतीय उच्चायुक्त को बुलाकर आपत्ति दर्ज कराई गई।

भारत का पक्ष

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि यह कदम सीमा सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।

  • भारत के गृह मंत्रालय ने कहा कि तस्करी, मानव व्यापार और आतंकवाद को रोकने के लिए सीमा पर सख्ती जरूरी है।
  • भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने बताया कि तारबंदी से अवैध गतिविधियों में कमी आई है।
  • भारत ने यह भी कहा कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन नहीं करता है।

बांग्लादेश का रुख

बांग्लादेश ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

  • बांग्लादेश का कहना है कि यह कदम सीमा समझौतों की भावना के खिलाफ है।
  • ढाका ने यह भी आरोप लगाया है कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले किसानों को तारबंदी के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
  • बांग्लादेशी सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए राजनयिक वार्ता का प्रस्ताव दिया है।

राजनयिक स्तर पर बातचीत

दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है।

  • भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच मित्रवत संबंध बनाए रखना प्राथमिकता है।
  • आगामी हफ्तों में एक संयुक्त सीमा बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें विवादित मुद्दों पर चर्चा होगी।

सीमा पर तस्करी और सुरक्षा का मुद्दा

भारत और बांग्लादेश की सीमा पर तस्करी हमेशा से एक बड़ी समस्या रही है।

  • भारत से बांग्लादेश में गायों और दवाइयों की तस्करी होती है।
  • वहीं, बांग्लादेश से भारत में मादक पदार्थ और नकली करेंसी लाई जाती है।
  • भारतीय अधिकारियों का मानना है कि तारबंदी से इन गतिविधियों पर रोक लगेगी।

कांटेदार तारबंदी का असर

सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को इस तारबंदी की वजह से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

  • किसानों को अपने खेतों तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है।
  • दोनों देशों के सीमावर्ती गांवों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक संपर्क कम हो गया है।
  • मानवाधिकार संगठनों ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है।

क्षेत्रीय शांति पर असर

इस विवाद का असर दोनों देशों के संबंधों पर पड़ सकता है।

  • भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान अच्छे स्तर पर है।
  • विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह विवाद समय पर हल नहीं किया गया, तो यह क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बन सकता है।