विशेष साक्षात्कार

सेवा से बाहर नहीं होंगे तदर्थ शिक्षक, बढ़ेगा सिक्योरिटी गार्ड का भत्ता

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों को मानदेय पर रखने की सहमति कैबिनेट ने दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नवंबर 2023 में सेवा से हटाए गए 2254 तदर्थशिक्षकों को कैबिनेट ने अस्थायी रूप से मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव पर सहमति दी है।

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों को मानदेय पर रखने की सहमति कैबिनेट ने दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नवंबर 2023 में सेवा से हटाए गए 2254 तदर्थशिक्षकों को कैबिनेट ने अस्थायी रूप से मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव पर सहमति दी है। कैबिनेट ने एडेड माध्यमिक विद्यालयों में अस्थायी रूप से मानदेय शिक्षक रखे जाने की प्रक्रिया व कार्य शर्त को मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पद खाली हैं, इसका असर शिक्षण कार्य पर पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में शैक्षणिक कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए 2023 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेवा से हटाए गए 2254 शिक्षकों को अस्थायी तौर पर 25 हजार और 30 हजार रुपये मानदेय पर रखने का निर्णय लिया गया है।

हालांकि इसमें से 40 शिक्षकों का समयोजन हो चुका है। उन्होंने बताया किजो शिक्षक (एलटी ग्ड) कक् रे षा 9 और 10 में पढ़ाएगे उन ं ्हें 25 हजार और जो लेक्चरर कक्षा 11-12 में पढ़ाएंगे उन्हें 30 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसी क्रम में यह भी तय किया गया है कि अंशकालिक प्रवक्ता प्रबंधन नियमानुसार रखेगा लेकिन इसके लिए मंडल स्तर पर कमेटी का गठन किया जाएगा। जो इससे जुड़े आवश्यक निर्णय लेगी। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार अंशकालिक प्रवक्ताओं की नियुक्ति गलत है। खाली पदों के सापेक्षा निर्धारित बोर्ड से भर्ती प्रक्रिया चल रही है। बता दें कि एडेड कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए 1993 के बाद तदर्थशिक्षकों की तैनाती की थी। इन्हें लगभग सामान्य शिक्षकों के बराबर मानदेय भी दिया जाता था। बाद में इसी आधार पर एडेड कॉलेजों में बड़ी संख्या में शिक्षकों को रख लिया गया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट गया। सुप्रीम कोर्ट के आधार पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नवंबर 2023 में शासनादेश जारी कर 20-25 साल से काम कर रहे शिक्षकों को बकाया वेतन देकर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी थीं।

अब इन्हीं शिक्षकों को मानदेय पर रखने की सहमति कैबिनेट ने दे दी है। मुख्यमंत्री व राज्यपाल के यहां तैनात सिक्योरिटी गार्ड के प्रोत्साहन भत्ते और व्यवसायिक शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि से संबंधित वेतन समिति की सिफारिशों को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सीएम और राज्यपाल के यहां तैनात सिक्योरिटी गार्ड का प्रोत्साहन भत्ता 12,500 रुपये महीना था। इसे बढ़ाकर मूल वेतन का 50 फीसदी और अधिकतम 22 हजार कर दिया गया है। व्यवसायिक शिक्षकों को इंटरमीडिएट में 500 रुपये प्रति कक्षा मानदेय मिलता था। इसे बढ़ाकर 750 रुपये कर दिया गया है। उन्हें अधिकतम 15 हजार रुपये मिलता था। जिसे बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दिया गया है। हाईस्कूल के व्यवयासिक शिक्षकों को प्रति कक्षा 400 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रति कक्षा कर दिया गया है। अधिकतम मानदेय बढ़ाकर 12 हजार से 15 हजार कर दिया गया है। प्रदेश के 992 राजकीय व एडेड माध्यमिक विद्यालयों में विषय विशेषज्ञों के रूप में करीब 2130 शिक्षक हैं, जिन्हें इसका लाभ मिलेगा। इसी तरह सीएम और राज्यपाल के यहां तैनात 656 सिक्योरिटी गार्ड को बढ़ेप्रोत्साहन भत्ते का फायदा होगा। प्रोत्साहन भत्ते से सरकार पर 18.84 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा। इसमें 7.48 करोड़ सिक्योरिटी गार्ड्स और 11.41 करोड़ शिक्षकों का है। प्रदेश के किसानों एव खेती से ं जड़ेु कारोबार को बढावा दिया जाएगा। इस क्षेत्र में कई नवाचार किए जाएंगे और स्टार्टअप भी शुरू होगा।