राजकरण

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग खारिज

2012 में भी मंत्री समूह इसे नकार चुका : सरकार

बिहार को विशेष राज्य का दर्जादेने की मांग केंद्र सरकार ने खारिज कर दी है। जदयू सांसद रामप्रीत मंडल के सवाल पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा किविशेष राज्य का दर्जा राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) के पैमानों के मुताबिक दिया जाता है। इनमें पहाड़, दुर्गम क्षेत्र, कम जनसंख्या, आदिवासी इलाका, अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर, प्रति व्यक्ति आय और कम राजस्व जैसे मानक शामिल हैं। चौधरी ने अपने जवाब के समर्थन में 2012 में गठित मंत्री समूह की रिपोर्ट का हवाला भी दिया। UPA सरकार के दौरान बिहार को विशेष राज्य का दर्जादेने की स्थिति का अध्ययन करने के लिए यह ग्रुप बनाया गया था। ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि NDC के क्राइटेरिया के तहत बिहार को विशेष राज्य का दर्जादे पाना संभव नहीं है। बिहार में राजद और जदयू समेत कई पार्टियां विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठाती रही हैं। बिहार में भाजपा और जदयू की साझा सरकार है, लिहाजा राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश का इस्तीफा मांगा है। दिल्ली में उन्होंने कहा- नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाएंगे। इसलिए अब उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। इधर, संसद का मानसून सत्र शुरू होने के पहले 21 जुलाई को ऑल पार्टी मीटिंग में जदयू के राज्यसभा सांसद संजय झा ने भी कहा था कि हमारी पार्टी की शुरू से मांग है किबिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले। अगर इसमें कोई तकनीकी समस्या है तो विशेष पैकेज जरूर मिले। हम केंद्र की नीतियों में बदलाव चाहते हैं, जो बिहार को श्रम आपूर्ति का केंद्र मानता है।