प्रयागराज, 18 जनवरी 2025: महाकुंभ 2025 एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह कुछ निराशाजनक है। मेले में चर्चित हस्तियां आईआईटियन बाबा अभय सिंह और इंफ्लुएंसर हर्षा रिछारिया ने अचानक मेला छोड़ने का निर्णय लिया। उनके इस कदम ने श्रद्धालुओं और आयोजकों को हैरान कर दिया है।
हर्षा रिछारिया का भावुक बयान:
इंफ्लुएंसर और सनातन धर्म की समर्थक हर्षा रिछारिया, जो महाकुंभ में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति के लिए जानी जाती थीं, ने मेला छोड़ने से पहले बेहद भावुक बयान दिया। उन्होंने कहा,
"एक लड़की जो धर्म से जुड़ने और सनातन को समझने के लिए यहां आई थी, उसे इस लायक भी नहीं छोड़ा गया कि वह पूरे कुंभ में रुक सके।"
हर्षा ने संत आनंद स्वरूप पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने धर्म से जुड़ने का मौका नहीं दिया। यह बयान सोशल मीडिया और मेले में एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है।
आईआईटियन बाबा अभय सिंह का मेला छोड़ना:
महाकुंभ में खास तौर पर चर्चित रहे आईआईटियन बाबा अभय सिंह ने भी मेला क्षेत्र छोड़ दिया। अभय, जो तकनीकी पृष्ठभूमि से आने के बावजूद आध्यात्मिकता में गहरी रुचि रखते हैं, ने मेले में युवाओं के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की थी।
हालांकि, उनके मेला छोड़ने का कारण स्पष्ट नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, उनके परिवार के आने के बाद उन्होंने मेला छोड़ने का फैसला किया।
श्रद्धालुओं और अनुयायियों में निराशा:
हर्षा और अभय के अचानक जाने से उनके अनुयायियों और मेले में आए श्रद्धालुओं में निराशा व्याप्त है। दोनों ने मेले में अपनी उपस्थिति से सनातन धर्म और आधुनिकता के बीच एक अनोखा संतुलन बनाया था।
हर्षा के सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं, जो उनके फैसले से दुखी हैं। वहीं, अभय की विदाई ने उनके अनुयायियों को आश्चर्यचकित कर दिया है, क्योंकि उन्होंने मेले में आध्यात्म और तकनीक का एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया था।
संत आनंद स्वरूप पर आरोप:
हर्षा ने स्पष्ट रूप से संत आनंद स्वरूप पर आरोप लगाए हैं, जो मेले के प्रमुख संतों में से एक हैं। उनका कहना है कि संत ने न केवल उन्हें, बल्कि कई अन्य महिलाओं को भी धर्म से जुड़ने से रोका। हर्षा का यह बयान विवादों को जन्म दे रहा है, और लोग इस पर प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं।
प्रशासन और आयोजकों की प्रतिक्रिया:
महाकुंभ प्रशासन ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन आयोजन समिति के एक सदस्य ने कहा कि मेले में हर किसी के लिए समान अवसर और सुविधाएं सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं:
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर #Mahakumbh2025 और #HarshaAbhayLeaving ट्रेंड कर रहे हैं। लोग हर्षा और अभय के समर्थन में पोस्ट कर रहे हैं और उनकी वापसी की अपील कर रहे हैं।
महाकुंभ का महत्व:
महाकुंभ भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रतीक है, जहां करोड़ों लोग आस्था और अध्यात्म की खोज में आते हैं। लेकिन हर्षा और अभय जैसे व्यक्तित्वों का मेला छोड़ना, इस आयोजन की गरिमा पर सवाल खड़ा कर रहा है।