लोकतांत्रिक परंपराओं की सरंक्षक देश की शीर्ष अदालत ने आखिरकार दिल्ली के
मुख्यमंत्री अरविदं केजरीवाल को आम आदमी पार्टी के चुनाव अभियान को गतिदेने हेतु एक
जून तक के लिये अंतरिम जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्तिदीपांकर
दत्ता की पीठ ने शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को सशर्त यह जमानत दी। इससे पहले शीर्ष
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा था कि केजरीवाल दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं। वे
कोई आदतन अपराधी नहीं हैं। कोर्ट का यह भी मानना था कि लोकसभा के चुनाव पांच साल
में एक बार आते हैं।
ऐसे में केजरीवाल को जमानत देने में कोई हर्ज नहीं है। केजरीवाल को
21 दिन की राहत देकर शीर्ष अदालत ने अपरोक्ष रूप से यही संदेश दिया है कि लोकतांत्रिक
व्यवस्था में चुनावी मुकाबले में हर दल व नेता को बराबरी का मौका मिलना चाहिए। इसी
सोच के अनुरूप दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक जून तक के लिये अंतरिम
जमानत मिली है। उल्लेखनीय है कि कथित शराब घोटाला कांड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस
में केजरीवाल को गत 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। अब केजरीवाल को दो जून को
आत्मसमर्पण करने को कहा गया है।
कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए कहा
कि माना उन पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं,लेकिन उन पर लगाए गए आरोप अभी सिद्ध नहीं
हुए हैं। वहीं जमानत देने के साथ अदालत ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं। इस दौरान केजरीवाल न
तो मुख्यमंत्री कार्यालय और न ही सचिवालय जा पाएंगे। वे अपने केस से जुड़ेकिसी गवाह
से कोई संपर्क करने की कोशिश भी नहीं करेंगे। उन्हें जेल से रिहाई के लिये पचास हजार
रुपये की जमानत भरने को भी कहा गया। साथ ही इस दौरान वे किसी फाइल पर साइन नहीं
करेंगे।
यदि बहुत जरूरी हुआ तो उप राज्यपाल की अनुमति से ऐसा कर पाएंगे। इसके साथ
ही सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को निर्देश दिया कि वह शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग
मामले में अपनी भूमिका के बारे में कोई बयानबाजी न करें।
बहरहाल, शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी तथा इंडिया गठबंधन के
लिये चुनाव प्रचार अभियान में तेजी आने की उम्मीद जतायी जा रही है। हालांकि, इससे पहले
ईडी ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का पुरजोर विरोध किया था। प्रवर्तन निदेशालय
का तर्क था कि चुनाव प्रचार किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार नहीं है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट
ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया। केजरीवाल की रिहाई के बाद इंडिया गठबंधन के खेमे में
खासा उत्साह देखा जा रहा है। गठबंधन के स्टार प्रचारक केजरीवाल का यूं तो दिल्ली में ही
ज्यादा बोलबाला रहा है, जहां वे कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां गठबंधन
के तहत चुनाव लड़ने के लिये आप के हिस्से में चार व कांग्रेस को तीन सीटें आई हैं। इस
गठबंधन के तहत हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट आप के हिस्से में आई है।