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Breaking News: सुवेंदु अधिकारी के विवादित बयान से पश्चिम बंगाल की राजनीति में हड़कंप

भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय उन्हें वोट नहीं देता, इसलिए वे भी उनके साथ नहीं हैं। इस बयान से राज्य की राजनीति में विवाद उत्पन्न हो गया है।

पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता, सुवेंदु अधिकारी, ने हाल ही में एक विवादित बयान देकर राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय उन्हें वोट नहीं देता, इसलिए वे भी उनके साथ नहीं हैं। यह बयान राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।

 बयान का संदर्भ : सुवेंदु अधिकारी ने 1 जनवरी 2025 को संदेशखाली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बयान दिया। उन्होंने कहा, "जब मुस्लिम हमें वोट नहीं देते तो मैं भी उनके साथ नहीं।इसके साथ ही, उन्होंने राज्य में एनआरसी लागू करने और रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर करने की वकालत की।

 

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ: सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अधिकारी के इस बयान की कड़ी निंदा की है। टीएमसी नेताओं का कहना है कि इस तरह के बयान समाज में विभाजन को बढ़ावा देते हैं और राज्य की एकता और अखंडता के लिए खतरा हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा नेता का यह बयान उनकी पार्टी की विभाजनकारी राजनीति को दर्शाता है।

सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया: विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी अधिकारी के बयान की आलोचना की है। उनका कहना है कि इस तरह के बयान समाज में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देते हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ हैं।

भाजपा का रुख: भाजपा के राज्य नेतृत्व ने अधिकारी के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पार्टी के कुछ नेताओं ने निजी तौर पर कहा कि इस तरह के बयान से पार्टी की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सुवेंदु अधिकारी का यह बयान आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक ध्रुवीकरण की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के बयान वोट बैंक की राजनीति को प्रभावित करने के उद्देश्य से दिए जाते हैं।

सुवेंदु अधिकारी के इस बयान ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा किस दिशा में जाता है और इसका राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।