प्रयागराज:धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक महाकुंभ 2025 का शुभारंभ आज हुआ। आस्था के इस महापर्व पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम किनारे उमड़ पड़ी। सुबह 9:30 बजे तक प्रशासन के अनुसार करीब 60 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई।
प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम तट पर भक्तों की भीड़ देखते ही बन रही है। चारों ओर "हर-हर गंगे" और "जय गंगा मैया" के जयकारे गूंज रहे हैं। देश-विदेश से आए श्रद्धालु इस दिव्य आयोजन में शामिल हो रहे हैं।
प्रशासन ने पहले शाही स्नान के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। महाकुंभ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। 50,000 से अधिक पुलिसकर्मी और 10,000 सीसीटीवी कैमरों से पूरे आयोजन की निगरानी हो रही है। इसके अलावा, हेलीकॉप्टर द्वारा भीड़ पर नजर रखी जा रही है।
श्रद्धालुओं का अनुभव:
हरियाणा से आए राजेश शर्मा ने बताया, "यह मेरा पहला महाकुंभ है। संगम में स्नान करने का अनुभव अलौकिक है। ऐसा लगता है जैसे सारे पाप धुल गए।"
वहीं, प्रयागराज की स्थानीय निवासी अंजू सिंह ने कहा, "महाकुंभ हमारे शहर की पहचान है। हर 12 साल में जब यह आयोजन होता है, तो ऐसा लगता है जैसे पूरी दुनिया यहां आ जाती है।"
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व:
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है। यह अवसर हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि महाकुंभ में संगम में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस बार का महाकुंभ विशेष इसलिए भी है क्योंकि इसे देखने के लिए विदेशी पर्यटकों की भी भारी संख्या में उपस्थिति दर्ज की जा रही है।
प्रशासन की अपील:
प्रयागराज प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और नियमों का ध्यान रखें। संगम क्षेत्र में साफ-सफाई बनाए रखने के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं।
महाकुंभ 2025 के पहले शाही स्नान की तारीखें:
- पहला शाही स्नान: 14 जनवरी (मकर संक्रांति)
- दूसरा शाही स्नान: 17 फरवरी (मौनी अमावस्या)
- तीसरा शाही स्नान: 8 मार्च (महाशिवरात्रि)
इस बार के महाकुंभ की खास बातें:
- श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 50,000 टेंट की व्यवस्था।
- संगम तक पहुंचने के लिए विशेष ट्रेनों और बसों का संचालन।
- डिजिटल जानकारी के लिए मोबाइल एप और हेल्पलाइन नंबर।
- गंगा को स्वच्छ रखने के लिए ‘नो-प्लास्टिक जोन’ घोषित।
प्रयागराज में इस समय हर तरफ आस्था का सैलाब उमड़ा हुआ है। श्रद्धालु इस पवित्र संगम में स्नान करके स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं।