प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की धूम है, जहां करोड़ों श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करने पहुंचे हैं। इस बार महाकुंभ में एक खास दृश्य देखने को मिला जब प्रसिद्ध लेखिका और समाजसेविका सुधा मूर्ति ने ISKCON कैंप में सेवक की भूमिका निभाई। उन्होंने न सिर्फ भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया बल्कि उनके साथ बैठकर उनकी समस्याओं को भी सुना।
सुधा मूर्ति का सेवा भाव
सुधा मूर्ति, जो अपनी सादगी और समाज सेवा के लिए जानी जाती हैं, महाकुंभ में ISKCON कैंप में एक सेवक के रूप में देखी गईं। उन्होंने अपने हाथों से महाप्रसाद परोसते हुए कहा, "सेवा करना ही सच्ची श्रद्धा है। यहां आकर मुझे वास्तविक शांति और आनंद की अनुभूति हो रही है।"
ISKCON कैंप की भव्यता
ISKCON कैंप महाकुंभ में भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहां हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं और भक्ति में लीन हो जाते हैं।
- विशेष सेवाएं:
- महाप्रसाद वितरण
- भागवत कथा और कीर्तन
- ध्यान और योग सत्र
- विदेशी भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था
सुधा मूर्ति की उपस्थिति ने कैंप की भव्यता को और बढ़ा दिया।
भक्तों की प्रतिक्रिया
महाकुंभ में सुधा मूर्ति को सेवा करते देख श्रद्धालु भावुक हो गए। एक भक्त ने कहा, "आज के दौर में जब लोग खुद को खास दिखाने की होड़ में हैं, सुधा जी का यहां सेवा करना दिल को छू गया।"
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ 2025 न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। इसमें देश-विदेश से करोड़ों लोग शामिल हो रहे हैं। इस बार प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं, जिनमें सुरक्षा से लेकर साफ-सफाई तक सब कुछ शामिल है।
सुधा मूर्ति की भूमिका क्यों खास है?
सुधा मूर्ति का इस तरह से सेवक की भूमिका निभाना यह दर्शाता है कि सच्ची भक्ति में सेवा का कितना महत्व है। उनकी यह पहल न सिर्फ समाज को प्रेरणा देती है बल्कि महाकुंभ के महत्व को भी रेखांकित करती है।