जुर्म

केरल में PPE किट घोटाला: कोरोना काल में विजयन सरकार पर लगे आरोप, कैग रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि केरल सरकार ने कोरोना काल में PPE किट और अन्य मेडिकल उपकरणों को बाजार मूल्य से तीन गुना अधिक कीमत पर खरीदा। इस घोटाले ने राज्य में राजनीतिक भूचाल ला दिया है।

केरल सरकार पर कोरोना महामारी के दौरान PPE किट और अन्य मेडिकल उपकरणों की खरीद में अनियमितता के गंभीर आरोप लगे हैं। हाल ही में कैग (Comptroller and Auditor General) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि विजयन सरकार ने महामारी के दौरान PPE किट और अन्य मेडिकल संसाधनों को बाजार दर से कहीं अधिक कीमत पर खरीदा। यह मामला राज्य में एक बड़े राजनीतिक घोटाले के रूप में उभर रहा है।

कैग की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने कई कंपनियों से PPE किट 1,500 रुपये प्रति यूनिट की कीमत पर खरीदी, जबकि उस समय बाजार में इसकी कीमत लगभग 500-600 रुपये थी। यह अंतर सवाल खड़े करता है कि आखिर इस खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता क्यों नहीं बरती गई।

कैग रिपोर्ट में प्रमुख बिंदु

  1. बढ़ी हुई कीमतों पर खरीदारी: महामारी के दौरान PPE किट, मास्क और दस्ताने जैसी आवश्यक वस्तुएं बाजार दर से तीन गुना अधिक कीमत पर खरीदी गईं।

  2. निर्माताओं का चयन: कैग ने पाया कि कई निर्माताओं का चयन बिना उचित टेंडर प्रक्रिया के किया गया।

  3. घटिया गुणवत्ता के उपकरण: रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कुछ उपकरण मानक गुणवत्ता के नहीं थे।

  4. अवैध कमीशन का संदेह: इस खरीद प्रक्रिया में बिचौलियों की भूमिका और अवैध कमीशन का भी संदेह जताया गया है।

राजनीतिक विवाद और विपक्ष की प्रतिक्रिया

इस खुलासे के बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से तत्काल इस्तीफे की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने महामारी जैसी आपात स्थिति का फायदा उठाते हुए जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया।

कांग्रेस नेता रमेश चेन्नितला ने कहा, "यह घोटाला सरकार की भ्रष्ट नीतियों का स्पष्ट उदाहरण है। महामारी के दौरान जब लोग जीवन और मृत्यु से जूझ रहे थे, तब सरकार ने जनता के पैसे का दुरुपयोग किया।"

सरकार का पक्ष

विजयन सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि महामारी के दौरान उपकरणों की तत्काल आवश्यकता थी, और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने के कारण कीमतें ऊंची हो गई थीं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "हमने हर संभव प्रयास किया कि राज्य में मेडिकल उपकरणों की कमी न हो। यह आरोप बेबुनियाद हैं।"

  1. जनता का आक्रोश: इस घोटाले ने जनता के बीच गहरा आक्रोश पैदा किया है।

  2. भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन: कई सामाजिक संगठन और नागरिक समूह सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

  3. आर्थिक बोझ: घोटाले से राज्य के बजट पर भारी असर पड़ा है।