अगले महीने, 14 मार्च 2025 को, एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना घटित होने जा रही है—पूर्ण चंद्रग्रहण। यह घटना विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 3 वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है, जिससे खगोल विज्ञान प्रेमियों और वैज्ञानिकों में उत्साह है।
पूर्ण चंद्रग्रहण का समय और दृश्यता:
भारतीय समयानुसार, यह पूर्ण चंद्रग्रहण सुबह 10:41 बजे से दोपहर 2:18 बजे तक रहेगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, क्योंकि यह दिन के समय घटित होगा। यह चंद्रग्रहण मुख्यतः उत्तर और दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका, और अटलांटिक महासागर के क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।
ब्लड मून का अद्भुत दृश्य:
पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान, चंद्रमा पृथ्वी की पूर्ण छाया (अम्ब्रा) में प्रवेश करता है, जिससे वह लाल या नारंगी रंग का दिखाई देता है। इस घटना को आमतौर पर ब्लड मून कहा जाता है। यह दृश्य खगोल प्रेमियों के लिए अत्यंत रोमांचक होता है, क्योंकि चंद्रमा का यह रूप सामान्यतः देखने को नहीं मिलता।
भारत में सूतक काल की मान्यता:
चूंकि यह चंद्रग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूतक काल वह अवधि होती है जिसमें धार्मिक और शुभ कार्यों को करने से परहेज किया जाता है। लेकिन इस ग्रहण के भारत में दृश्य न होने के कारण, यहां के लोग सामान्य दिनचर्या का पालन कर सकते हैं।
यदि आप इस चंद्रग्रहण को देखने से वंचित रहेंगे, तो चिंता की बात नहीं है। साल 2025 में अगला पूर्ण चंद्रग्रहण 7 सितंबर को होगा, जो भारत में दृश्य होगा। यह ग्रहण रात 9:57 बजे से शुरू होकर रात 1:26 बजे तक चलेगा। इस दौरान, चंद्रमा का अद्भुत रूप भारत के विभिन्न हिस्सों में देखा जा सकेगा।