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IND vs AUS: रवींद्र जडेजा ने इंग्लिश में जवाब देने से किया इनकार, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के निशाने पर भारतीय खिलाड़ी

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही सीरीज के दौरान रवींद्र जडेजा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंग्लिश में जवाब देने से इनकार करना विवाद का कारण बन गया। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इसे मुद्दा बनाया, जिससे माहौल गर्म हो गया।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट सीरीज हमेशा से ही रोमांच और विवादों का हिस्सा रही है। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार के सवाल का इंग्लिश में जवाब देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद से यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या हुआ?

मैच के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के एक पत्रकार ने जडेजा से सवाल किया, तो उन्होंने इसे हिंदी में जवाब देना उचित समझा। जडेजा ने कहा, "मैं अपने सवालों का जवाब अपनी मातृभाषा में देना पसंद करता हूं, जिससे मेरी बात सही ढंग से समझी जा सके।"

यह जवाब ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को रास नहीं आया, और उन्होंने इसे अभद्रता और असहयोग के रूप में देखा। कुछ पत्रकारों ने इसे खेल भावना के विपरीत बताया और जडेजा के इस रवैये की आलोचना की।

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का क्या कहना है?

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इस घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हुए इसे खिलाड़ियों की पेशेवर जिम्मेदारी से जोड़ दिया। एक प्रमुख ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने लिखा, "भारतीय खिलाड़ी अगर अंतरराष्ट्रीय प्रेस के सवालों का जवाब नहीं देंगे, तो यह खेल भावना के खिलाफ है।"

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि जडेजा को इस स्थिति को बेहतर तरीके से संभालना चाहिए था, क्योंकि वे एक वैश्विक खेल मंच पर हैं।

भारतीय फैंस की प्रतिक्रिया:

दूसरी ओर, भारतीय फैंस ने जडेजा के फैसले का समर्थन किया है। सोशल मीडिया पर #WeSupportJadeja ट्रेंड कर रहा है, जिसमें फैंस ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी को अपनी पसंद की भाषा में बात करने का अधिकार है। एक फैन ने लिखा, "खिलाड़ी खेल के लिए जिम्मेदार है, भाषा के लिए नहीं।"

क्या कहती हैं ICC की गाइडलाइंस?

ICC (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) की गाइडलाइंस के अनुसार, खिलाड़ियों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाद करना जरूरी है, लेकिन इसमें भाषा को लेकर कोई सख्त नियम नहीं है। खिलाड़ियों को अपनी सुविधा के अनुसार संवाद करने की स्वतंत्रता दी गई है।

जडेजा का बयान:

जडेजा ने इस विवाद पर कहा, "मैंने अपनी बात को सही ढंग से रखने के लिए हिंदी में जवाब दिया। यह किसी को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं था। क्रिकेट एक भावनाओं का खेल है, और भाषा से ज्यादा महत्वपूर्ण है हमारा प्रदर्शन।"

विवाद का असर:

यह विवाद भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी सीरीज की गर्मी को और बढ़ा सकता है। दोनों टीमों के बीच मुकाबले पहले ही प्रतिस्पर्धा और भावनाओं से भरे होते हैं, और ऐसे विवाद माहौल को और गरमा सकते हैं।

भाषा को लेकर विवाद खड़ा करना शायद सही नहीं है, क्योंकि यह हर खिलाड़ी का निजी अधिकार है कि वह किस भाषा में संवाद करे। रवींद्र जडेजा ने अपनी मातृभाषा में जवाब देकर अपनी भावनाओं को स्पष्ट किया। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद आगे कैसे आकार लेता है और दोनों टीमों के बीच के मैचों पर इसका क्या असर पड़ता है।