हाल ही में कट्टरपंथी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा भारत के खिलाफ दी गई धमकियों ने न केवल भारतीय सरकार बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंताओं को बढ़ा दिया है। पन्नू के भड़काऊ और विभाजनकारी बयानों पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है और अमेरिका से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है।
भारत का स्पष्ट संदेश:
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पन्नू के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, "हम इस तरह की धमकियों को गंभीरता से ले रहे हैं और अमेरिका से उम्मीद करते हैं कि वह अपनी धरती का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होने देगा।" भारत ने यह भी दोहराया कि यह मुद्दा केवल राष्ट्रीय सुरक्षा का नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता का भी है।
अमेरिका से कार्रवाई की मांग:
पन्नू की गतिविधियों को लेकर भारत ने अमेरिकी प्रशासन से तुरंत और ठोस कार्रवाई की अपील की है। भारतीय राजदूत ने वाशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात कर यह स्पष्ट किया कि पन्नू और उसका संगठन भारत की संप्रभुता को चुनौती देने के साथ-साथ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका अपने कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के तहत ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।"
पन्नू का विवादास्पद बयान:
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में एक वीडियो जारी कर भारत के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए और सिख समुदाय को भारत के खिलाफ भड़काने की कोशिश की। पन्नू पहले भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल रहा है और उसे एक अलगाववादी नेता के रूप में जाना जाता है।
पन्नू ने ‘खालिस्तान’ के समर्थन में बयान देते हुए भारत के खिलाफ उकसाने वाली बातें कहीं, जिससे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है।
भारत की सख्त चेतावनी:
भारत ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की राष्ट्रविरोधी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। पन्नू की धमकियों पर बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा, "यह मामला भारत की संप्रभुता और एकता से जुड़ा है, और इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।"
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव:
भारत और अमेरिका के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी है, और पन्नू जैसे तत्व इस संबंध को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका को इस मामले में सख्त रुख अपनाना चाहिए ताकि इस तरह की चरमपंथी गतिविधियों पर लगाम लग सके।
गुरपतवंत सिंह पन्नू की गतिविधियां न केवल भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी चिंता का विषय हैं। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस तरह की धमकियों को हल्के में नहीं लेगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अमेरिका इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है।