सीडीएस बिपिन रावत हेलिकॉप्टर क्रैश पर पैनल रिपोर्ट का खुलासा:
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की दुखद हेलिकॉप्टर दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। अब इस दुर्घटना की जांच कर रहे पैनल ने अपनी रिपोर्ट में हादसे के कारणों का खुलासा किया है। रिपोर्ट में मौसम की खराबी, मानवीय भूल, और कुछ अन्य तकनीकी कारकों को इस हादसे का प्रमुख कारण बताया गया है।
क्या कहती है पैनल की रिपोर्ट?
पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्घटना का मुख्य कारण हेलिकॉप्टर का खराब मौसम में फंसना था। हेलिकॉप्टर को नीलगिरि की पहाड़ियों से गुजरते समय घने कोहरे और कम दृश्यता का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, पायलट ने बदलते मौसम के संकेतों को पहचानने में देरी की, जिससे यह दुर्घटना हुई।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि "हेलिकॉप्टर ने सीएफआईटी (Controlled Flight Into Terrain) का सामना किया," जिसका मतलब है कि हेलिकॉप्टर अनजाने में जमीन से टकरा गया। यह स्थिति आमतौर पर तब होती है जब पायलट को आसपास की स्थिति का सही अंदाजा नहीं होता।
प्रमुख कारण:
- खराब मौसम: उड़ान के दौरान मौसम तेजी से खराब हुआ और दृश्यता बेहद कम हो गई।
- मानवीय भूल: पायलट द्वारा मौसम की गंभीरता को समय पर समझने और वैकल्पिक मार्ग अपनाने में देरी।
- तकनीकी सीमाएं: हेलिकॉप्टर के नेविगेशन सिस्टम की सीमाएं, जो इस तरह की स्थितियों में बेहतर सहायता प्रदान नहीं कर पाईं।
- खराब संचार: ग्राउंड कंट्रोल और हेलिकॉप्टर के बीच सही समन्वय न हो पाना।
कैसे हुई दुर्घटना?
8 दिसंबर 2021 को जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी MI-17 V5 हेलिकॉप्टर से वेलिंगटन, तमिलनाडु जा रहे थे। उड़ान के दौरान हेलिकॉप्टर नीलगिरि की पहाड़ियों में घने कोहरे के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 14 लोगों में से केवल एक, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, जीवित बच पाए थे, जो बाद में गंभीर चोटों के कारण चल बसे।
रक्षा मंत्रालय की प्रतिक्रिया:
रक्षा मंत्रालय ने पैनल की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस दुर्घटना से सीखे गए सबकों को भविष्य की उड़ानों के लिए लागू किया जाएगा। मंत्रालय ने पायलट ट्रेनिंग, तकनीकी उपकरणों में सुधार और आपातकालीन प्रबंधन को मजबूत करने पर जोर दिया है।
सुरक्षा उपायों का सुझाव:
पैनल ने अपनी रिपोर्ट में निम्नलिखित सुझाव दिए:
- बेहतर नेविगेशन सिस्टम: हेलिकॉप्टरों में उन्नत नेविगेशन उपकरण लगाना।
- मौसम अलर्ट: उड़ान से पहले मौसम की जानकारी के लिए अधिक प्रभावी प्रणाली अपनाना।
- पायलट ट्रेनिंग: पायलटों को खराब मौसम और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए अधिक विस्तृत प्रशिक्षण देना।
- संचार सुधार: ग्राउंड कंट्रोल और हेलिकॉप्टर के बीच मजबूत और रियल-टाइम संचार प्रणाली।
जनरल रावत की विरासत:
जनरल बिपिन रावत का नाम भारतीय सैन्य इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने देश की सेना को आधुनिक बनाने और उसकी क्षमता को बढ़ाने के लिए अनगिनत योगदान दिए। उनकी मृत्यु न केवल भारतीय सेना के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
आगे की राह:
रक्षा मंत्रालय ने दुर्घटना के लिए जिम्मेदार कारकों को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है। सरकार की प्राथमिकता अब सैन्य उड़ानों की सुरक्षा को और मजबूत बनाना है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके।