राजकरण

बांग्लादेश में तख्तापलट : शेख हसीना ने पीएम पद से दिया इस्तीफा, देश छोड़ा

प्रदर्शनकारियों ने ढाका में शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा तोड़ी

बांग्लादेश में 2 महीने से चल रहे आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार, 5 अगस्त को पद से इस्तीफा दे दिया। हिंसक माहौल के चलते शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। वे सेना के विमान से रवाना हुईं। खबरों के मुताबिक उनकी बहन रेहाना भी साथ हैं। वे बंगाल के रास्तेदिल्ली पहुंच गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतर गया है। उसके बाद वे लंदन, फिनलैंड या दूसरे देश जा सकती हैं। बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा, “हम अंतरिम सरकार बनाएंगे, देश को अब हम संभालेंगे। आंदोलन में जिन लोगों की हत्या की गई है, उन्हें इंसाफ दिलाया जाएगा।” इससे पहले पड़ोसी देश श्रीलंका में आर्थिक संकट के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार के खिलाफ हिंसक आंदोलन हुआ था।

जुलाई 2022 में ऐसी स्थिति बनी थी। लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर थे और राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे। शेख हसीना के बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर भागने की खबर के बाद छात्रों के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास ‘गणबंधन’ पर धावा बोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने ढाका में बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति और शेख हसीना के पिता शेक्ष मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को भी तोड़ दिया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, ढाका की सड़कों पर करीब चार लाख प्रदर्शनकारी हैं। इससे पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने घोषणा की कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और देश को चलाने के लिए जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा।

जनरल वाकरउज-जमान ने नागरिकों से बांग्लादेश की सेना पर भरोसा बनाए रखने का आग्रह किया और कहा कि सुरक्षा बल आने वाले दिनों में देश में शांति सुनिश्चित करेंगे। सेना प्रमुख ने यह भी कहा किवह जल्द ही राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मुलाकात करेंगे। रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 100 से अधिक लोगों की मौत और 1,000 से अधिक लोगों के घायल होने के बाद यह घटनाक्रम हुआ। बांग्लादेश के प्रमुख अखबार ‘द डेली स्टार’ ने बताया,” तीन सप्ताह से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या 300 को पार कर गई है।