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Checkde India! किशोर डोम्माराजू गुकेश बने सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन

भारत के किशोर शतरंज खिलाड़ी डोम्माराजू गुकेश ने सबसे कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया। इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने बधाई दी और उनके इस कारनामे को राष्ट्रीय गर्व बताया।

भारत के लिए एक और ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि 17 वर्षीय शतरंज के मास्टर डोम्माराजू गुकेश ने दुनिया को चौंकाते हुए सबसे कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह उपलब्धि भारत के लिए एक नया मील का पत्थर साबित हुई है और भारतीय खेलों में शतरंज की एक नई पहचान बन गई है।

डोम्माराजू गुकेश की शतरंज की रणनीति और खेलने का तरीका बहुत ही आकर्षक और तकनीकी था। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और दुनिया के सबसे बड़े शतरंज खिलाड़ियों को हराया। उनके द्वारा हासिल की गई यह सफलता केवल भारतीय शतरंज के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। इस उपलब्धि के साथ, उन्होंने यह साबित कर दिया कि भारतीय युवा किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने की क्षमता रखते हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए डोम्माराजू गुकेश को बधाई दी। उन्होंने लिखा, "डोम्माराजू गुकेश का ऐतिहासिक कारनामा देश को गर्व महसूस कराता है। उनकी सफलता यह दर्शाती है कि भारत में युवा पीढ़ी हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मंवाती है। उनके भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं।" इसके साथ ही, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया, "डोम्माराजू गुकेश ने दुनिया को यह दिखा दिया कि भारतीय शतरंज के खिलाड़ी अब वैश्विक मंच पर चमत्कार कर सकते हैं। उनका यह कारनामा भारतीय खेलों के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।"

इसके अलावा, भारत के कई अन्य नेताओं और खेल जगत की मशहूर हस्तियों ने भी गुकेश की इस महान उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी। शतरंज के क्षेत्र में यह उपलब्धि निश्चित रूप से भारतीय खेलों के विकास के लिए एक बड़ा कदम है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी शतरंज को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं की घोषणा की, जिससे आने वाले समय में भारत में शतरंज को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हम डोम्माराजू गुकेश की सफलता को देशभर में युवाओं के लिए एक प्रेरणा मानते हैं। हम आगामी दिनों में शतरंज के खेल को और प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत करेंगे।"

इस महान कार्य ने न केवल भारत को गर्व महसूस कराया है, बल्कि यह भारत के खेल क्षेत्र के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण है। डोम्माराजू गुकेश की यह उपलब्धि यह साबित करती है कि भारतीय युवा, अपनी मेहनत और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।